अगरतला: त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद सोमवार को एक विधानसभा सीट पर लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। दरअसल, राज्य की चारिलाम विधानसभा (अनुसूचित जनजाति) सीट पर 18 फरवरी को हुए चुनाव से एक हफ्ता पहले CPM प्रत्याशी के निधन की वजह से मतदान स्थगित हो गया था। नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जिष्णु देब बर्मन इस सीट से मैदान में हैं। विधानसभा चुनावों में 35 सीटें जीतकर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और सरकार का गठन किया था।
चारिलाम की बात करें तो चुनावी रण में उनके अलावा कांग्रेस के अर्जुन देबवर्मा, इंडीजीनियस नेशनलिस्ट पार्टी ऑफ त्रिपुरा (INPT) के उमा शंकर और निर्दलीय उम्मीदवार ज्योतिलाल देबबर्मा हैं। बीती 11 फरवरी को रमेंद्र नारायण देबबर्मा का निधन होने के बाद CPM ने पलाश देबबर्मा को सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। बहरहाल, शुक्रवार को पार्टी ने चुनाव के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा होने का आरोप लगाते हुए निर्वाचन क्षेत्र से अपना उम्मीदवार वापस ले लिया था।
राज्य में CPM के नेतृत्व वाले वाम मार्चे के 25 बरस के शासन का खात्मा करते हुए बीजेपी और इंडीजीनियस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) के संगठन ने 59 में से 43 सीटें जीत ली थीं। बीजेपी को 35 सीटें मिली थी, जबकि IPFT ने 8 सीटें जीती थीं। पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) के. वी. श्रीजेश के मुताबिक, विधानसभा क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।
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