अगरतला: त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में माकपा की अगुवाई वाले वाम मोर्चा को भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन से पराजय मिलने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। सरकार ने राज्यपाल तथागत राय को अपना इस्तीफा सौंपा। राज्यपाल ने सरकार से नए मुख्यमंत्री के शपथ लेने तक पद पर बने रहने का अनुरोध किया।
राजभवन से बाहर आने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि अगर जनता और कर्मचारी उन्हें सहयोग नहीं देते तो वह और उनके मंत्री इतने साल सरकार नहीं चला सकते थे। उन्होंने राज्य की जनता और राज्य प्रशासन के कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया।
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के साथ ही माणिक सरकार से देश के सबसे गरीब सीएम का तमगा भी छिन गया। बता दें कि लगातार पांच बार से सत्ता पर काबिज त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने आज तक कभी आयकर रिटर्न नहीं भरा है। माणिक सरकार द्वारा नामांकन पत्र के साथ दिए गए चुनावी हलफनामे से यह जानकारी प्राप्त हुई थी।
वाम नेता अपना पूरा वेतन माकपा को दान देते हैं और उन्हें पार्टी से जीविका भत्ते के रूप में पांच हजार रुपये मिलते हैं। हलफनामे में कहा गया था कि 69 साल के नेता के पास 1520 रुपये हैं जबकि 2410 रुपये उनके बैंक खाते में हैं। उनकी कोई अन्य राशि बैंक में जमा नहीं है।
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