नई दिल्ली: तीन तलाक संबंधी विधेयक पर आज लोकसभा में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर और एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बीच नोकझोंक देखने को मिली।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2017 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए अकबर ने शाह बानो प्रकरण का हवाला दिया तो ओवैसी ने उनको टोका और कहा कि उस वक्त आपने उस कानून (राजीव गांधी के समय) को पारित कराया था।
इस पर अकबर ने कहा कि मेरे दोस्त को शायद यह पता नहीं है कि वह 1989 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके इस कथन पर सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाया।
गौरतलब है कि शाह बानो प्रकरण 1985 का है। शाह बानो को उसके पति ने तलाक दे दिया था और उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता के लिए मासिक गुजारा भत्ते का आदेश दिया। इस आदेश के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और कुछ मुस्लिम संगठनों ने आंदोलन किया जिसके बाद राजीव गांधी की सरकार इसके खिलाफ कानून लेकर आई।
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