नयी दिल्ली: तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाने के लिए अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि यह उन पार्टियों के लिए भी आत्ममंथन का विषय है जिन्होंने वोट बैंक की राजनीति के लिए इतने दिनों तक मुस्लिम महिलाओं को यह पीड़ा झेलने के लिए बाध्य किया।
अध्यादेश पर कैबिनेट की मुहर के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए शाह ने ट्वीट किया कि जहां तक समानता एवं उनके मूलभूत संवैधानिक अधिकारों की बात है मुस्लिम महिलाएं समाज में सम्मान के साथ रह सकेंगी। उन्होंने इस फैसले को मुस्लिम महिलाओं की जीत बताया। उन्होंने भाजपा सरकार के इस निर्णय को ‘दृढ़ संकल्पित नये भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक कदम बताया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह कानून लागू होने के बाद मुस्लिम महिलाएं समाज में गरिमा के साथ जीवन व्यतीत कर सकेंगी। कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए शाह ने कहा, ‘‘यह अध्यादेश उनके लिए अपराधबोध एवं आत्ममंथन का मामला है क्योंकि उन्होंने वोट बैंक की अपनी राजनीति के चलते दशकों से चली आ रही इस कुरीति के कारण मुस्लिम महिलाओं को परेशान होने के लिए बाध्य कर रखा था।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी जो एक बार में तीन तलाक कहकर मुस्लिम महिलाओं से वैवाहिक रिश्ता तोड़ने की प्रथा पर पाबंदी के लिए लाया गया है। प्रस्तावित अध्यादेश के तहत एक बार में तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ना गैरकानूनी होगा और इसमें तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल तक की कैद की सजा दी जा सकती है।
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