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Hindi News भारत राजनीति राजनीति के मकसद से नहीं, इंसाफ के मकसद से ट्रिपल तलाक बिल लाया गया: स्मृति ईरानी

राजनीति के मकसद से नहीं, इंसाफ के मकसद से ट्रिपल तलाक बिल लाया गया: स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल राजनीति के मकसद से नहीं बल्कि इंसाफ के मकसद से लाया गया है।

Smriti Irani on Triple Talaq in Loksabha- India TV Hindi Smriti Irani on Triple Talaq in Loksabha

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल राजनीति के मकसद से नहीं बल्कि इंसाफ के मकसद से लाया गया है। वे लोकसभा में लोकसभा में लाए गए ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ के समर्थन में बोल रही थीं। स्मृति ईरानी ने कहा कि न्याय मिलता तो शायरा बानो सुप्रीम कोर्ट नहीं जाती, इस साल भी 477 बहनें तीन तलाक का शिकार हुईं, तीन तलाक पीड़ितों को न्याय दिलाना ही इस बिल का मकसद है। स्मृति ईरानी ने कहा कि राजनीति के मकसद से नहीं, इंसाफ के मकसद से ट्रिपल तलाक बिल लाया गया है। 

विधेयक पर चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी पार्टी इस विधेयक के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार के ‘मुंह में राम बगल में छूरी’ वाले रुख के विरोध में है क्योंकि सरकार की मंशा मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने एवं उनका सशक्तीकरण की नहीं, बल्कि मुस्लिम पुरुषों को दंडित करने की है। उन्होंने तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 2017 के विधेयक को लेकर जो चिंताएं जताई थी उसका ध्यान नहीं रखा गया। 

सुष्मिता देव ने कहा कि एक वकील होने के बावजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक पर कानून बनाने को लेकर उच्चतम न्यायालय अल्पमत के फैसले का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा जाए। कांग्रेस नेता ने कहा कि 1986 में राजीव गांधी के समय शाह बानो प्रकरण के बाद बनाया गया कानून मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण का सबसे महत्वपूर्ण कानून था जिसका उल्लेख उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में बार-बार किया। भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने विधेयक को नरेंद्र मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम करार देते हुए कहा कि तीन तलाक को उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक बताया और इस प्रथा का कुरान में कहीं उल्लेख नहीं है। 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तुष्टीकरण की राजनीति के कारण यह प्रथा अब तक चलती आई है जिसका खामियाजा मुस्लिम महिलाओं को भुगतना पड़ा है। भाजपा सांसद ने कहा कि कई इस्लामी देशों में तीन तलाक में खत्म किया जा चुका है, लेकिन भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में चल रहा है। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने 30 साल पहले कदम उठाती तो उसी वक्त इतिहास बदल जाता। 

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