नयी दिल्ली: लोक सभा में आज मुस्लिम महिलाओं से सबंधित ट्रिपल तलाक़ विधेयक (शादी पर अधिकारों की सुरक्षा) पेश किया जाएगा. ये विधेयक क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद सदन में पेश करेंगे. इसे सदन की कार्यसूची में रखा गया है.
इस विधेयक के तहत एक बार में बोलकर, फ़ोन पर, SMS या फिर व्हाट्सऐप के ज़रिये दिया गया तलाक़ अपराध माना जाएगा. विदेयक में इस अपराध पर तीन साल की सज़ा का प्रावधान किया गया है. ये विधेयक गृहमंत्री राजनाथ सिहं की अध्यक्षता में अंतर-मंत्रालय ग्रुप ने तैयार किया है.
ग़ौरतलब है कि इस विधेयक को इसी महीने मंत्रिमंडल ने मंज़ूरी दी है. ये पिछले हफ़्ते लोस सभा में पेश होना था लेकिन संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बाद में मीडियो को बताया कि ये अब इस हफ़्ते पेश किया जाएगा. विधेयक के प्रावधानों के तहत ट्रिपल तलाक़ देने पर पति को तीन साल की सज़ा के अलावा जुर्माना भी लग सकता है. ये जुर्माना कितना होगा इसका फ़ैसला केस की सुनवाई करने वाला मजिस्ट्रेट करेगा.
ये विधेयक इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रिपल तलाक़ को ग़ैरक़ानूनी क़रार दिए जाने के बावजूद अभी भी ट्रिपल तलाक़ (‘तलाक-ए-बिदत’) हो रहे हैं. विधेयक लाने की ज़रुरत इसलिए पड़ रही है क्योंकि फ़िलहाल ट्रिपल तलाक़ के मामले में कोई क़ानून नही है. प्रस्तावित क़ानून सिर्फ़ ट्रिपल तलाक़ पर ही लागू होगा. इस क़ानून के तहत पीढ़ित महिला अदालत से अपने और बच्चों के लिए मुआवज़े की मांग कर सकती है. महिला अपने अदालत से अपने नाबालिग बच्चों की निगरानी की भी गुहार लगा सकती है.
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