अगरतला: तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है क्योंकि भगवा पार्टी लोकतांत्रिक मूल्यों का जरा भी सम्मान नहीं करती है। मुख्यमंत्री बिप्लब देब की एक बैठक में कथित तौर पर व्यवधान डालने को लेकर टीएमसी की युवा नेता सायानी घोष को गिरफ्तार किये जाने के एक दिन बाद सोमवार सुबह वह यहां पहुंचे। हालांकि राज्य में बनर्जी की प्रस्तावित रैली रद्द कर दी गई क्योंकि पुलिस ने कानून व्यवस्था की समस्या और राजनीतिक तनाव का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनावों में भाजपा को शिकस्त देगी और भगवा पार्टी के कुशासन को खत्म करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘त्रिपुरा में भाजपा लोकतंत्र का मजाक उड़ा रही है। अब चूंकि हम राज्य में प्रवेश कर गये हैं, हम भाजपा को शिकस्त देंगे। मेरी रैली रद्द करने के पुलिस द्वारा बताये गये कारण से साबित हो गया है कि राज्य में कानून का शासन नहीं है।’’
घोष की गिरफ्तारी को लेकर त्रिपुरा प्रशासन की आलोचना करते हुए बनर्जी ने कहा कि टीएमसी युवा नेता को आपराधिक भयादोहन और हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन यह अस्पष्ट है कि ‘‘वह किसका भयादोहन या हत्या की कोशिश कर रही थी।"
उन्होंने कहा, ‘‘बिप्लब देब इतने डर गये हैं कि वह एक महिला को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस जवाब नहीं दे सकी, जब पूछा गया कि सायानी किसका भयादोहन या हत्या करने की कोशिश कर रही थी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप भारत माता की जय के नारे लगाते हैं और तब हमारी महिला उम्मीदवारों पर हमले करते हैं। विपक्षी दलों की आवाज दबाने की जानबूझ कर कोशिश की जा रही है।’’
घोष को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, पश्चिम त्रिपुरा जिला ने सोमवार को जमानत दे दी। बनर्जी ने ‘‘डबल इंजन सरकार’’ को ‘‘डबल चोर की सरकार’’ करार देते हुए कहा, ‘‘भाजपा के गुंडों ने जिस तरह से हमारे समर्थकों व कार्यकर्ताओं पर एक पुलिस थाने में हमला किया, उससे प्रदर्शित होता है कि राज्य में जंगल राज है।’’
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