लालू प्रसाद-
लालू प्रसाद ने साल 1970 में ही छात्र राजनीति में प्रवेश कर लिया था। वो पटना विश्वविद्यालय की छात्र इकाई के महासचिव थे। वो साल 1974 में जेपी आंदोलन से उस वक्त जुड़े जब वो कानून की पढ़ाई कर रहे थे। जेपी आंदोलन के दौरान ही उन्हें मीसा (आंतरिक सुरक्षा अधिनियम) कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। जिस वक्त वो जेल में थे उनकी एक बेटी पैदा हुई जिसका नाम भी उन्होंने मीसा रख दिया।
साल 1977 में जनता पार्टी सदस्य के तौर पर चुना गया। वो उस वक्त देश के सबसे युवा सांसद थे क्योंकि उनकी उम्र महज 29 साल थी। 1980 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें हार का सामना करना पड़ा। हालांकि साल 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव में वो विधायक बने। इस दौरान वो सामाजिक कार्यकर्ता कर्पूरी ठाकुर के संपर्क में आए वो बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता थे।
कर्पूरी ठाकुर की मौत के बाद लालू साल 1989 में प्रतिपक्ष के नेता बने। इसी साल उन्हें सारन लोकसभा सीट से सांसद चुना गया। 10 मार्च 1990 को वो बिहार के मुख्मंत्री बने और साल 1997 तक वो लगातार राज्य को अपना नेतृत्व देते रहे। इसी साल उन्हें करोड़ों के चारा घोटाला मामले में जेल जाना पड़ा, लेकिन जेल जाने से पहले वो अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना चुके थे।
साल 1998 से 2004 के दौरान उन्हें तीसरी बार लोकसभा के लिए चुना गया। वो यूपीए सरकार के दौरान रेल मंत्री भी रहे। लालू फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की जमानत पर जेल से बाहर हैं।
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