TMC सांसद ने आर्टिकल 370 पर सरकार का समर्थन किया, शीर्ष नेतृत्व की त्यौरियां चढ़ी
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सभा में मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने एक ट्वीट में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किए जाने का समर्थन किया है।
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के एक राज्य सभा सदस्य ने अपनी पार्टी के रूख के उलट अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरकार के कदम का समर्थन किया है। हालांकि, उनके इस कदम को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं की त्यौरियां चढ़ गई हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्य सभा में मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय ने एक ट्वीट में जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द किए जाने का समर्थन किया है।
तृणमूल सांसद ने सोमवार को ट्वीट किया, ‘‘दशकों पुरानी गलतियों की कॉमेडी को अब सुधार दिया गया है। बदलाव ही हमारे राष्ट्रीय जीवन का चक्र है। हम नश्वर हैं। लेकिन राष्ट्र यह नहीं है। हमें बीते हुए कल का गुणगान नहीं करना चाहिए। आइए आज और आने वाले कल के बारे में सोचें।’’
उनकी यह टिप्पणी पार्टी के आधिकारिक रूख के उलट है। उनकी यह टिप्पणी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को नागवार गुजरी हैं, जिन्होंने कहा कि इस विषय पर गौर किया जाएगा और उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण देने को कहा जाएगा कि उन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ क्यों टिप्पणी की।
उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को रद्द किए जाने का सोमवार को संसद में विरोध किया था। राय के विचार पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के रूख के भी उलट है, जिन्होंने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी। यह विधेयक राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में विभाजित करने का प्रस्ताव करता है।
ममता ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले ज्यादातार संवैधानिक प्रावधानों को रद्द करने का फैसला लेने से पहले सभी पार्टियों से मशविरा लेना चाहिए था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार सभी राजनीतिक दलों और कश्मीरियों से मशविरा करने के बाद फैसला कर सकती थी। कश्मीर मुद्दे पर कोई वोट या चर्चा नहीं हुई। यह लोकतांत्रिक नहीं है। हम इसका जी जान से विरोध करेंगे।’’
उन्होंने राज्य सभा में विधेयक पर मतदान के दौरान तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के वॉकआउट करने के विषय पर कहा कि इसका यह मतलब नहीं है कि पार्टी ने विधेयक के पारित होने में मदद की। ओ ब्रायन ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘दक्षिणपंथी धड़ा इसे ‘द फाइनल साल्यूशन’ (अंतिम समाधान) बता रहा है। इसका क्या मतलब है? 1942 में यह नरसंहार के लिए, यहुदियों के कत्लेआम के लिए नाजी योजना का कूट नाम था।’’ राय की टिप्पणी ऐसे वक्त में आई है जब आम चुनाव में आशा अनुरूप सीटें नहीं मिलने के बाद उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में अपना आधार बचाने के लिए और अपने नेताओं को एकजुट रखने की मशक्कत कर रही है।