नयी दिल्ली: देश के कई स्थानों पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के बीच मोदी सरकार ने आज लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
राय ने कहा, ‘‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’’ सदस्यों ने सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?
बता दें कि विपक्ष ने संसद द्वारा पारित सीएए को असंवैधानिक करार देते हुए इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर इसी महीने सुनवाई होनी है। विपक्षी दलों ने सीएए का विरोध करने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनपीआर नहीं कराने का भी आग्रह किया है।
वहीं बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सीएए और एनआरसी ने मुस्लिमों के जीवन को और कठिन बना दिया है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे कांग्रेस, भाजपा और आप के लोकलुभावने घोषणापत्रों के लालच में नहीं आएं।
मायावती ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीतती है तो वह उत्तर प्रदेश में बसपा के शासन की तर्ज पर दिल्ली का विकास करेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए और एनआरसी मुद्दों के बाद ‘‘मुस्लिमों का जीवन ज्यादा कठिन हो गया है।’’ उन्होंने लोगों से कहा कि वे ‘‘विपक्षी दलों के हथकंडों से सचेत रहें जो वोट देने के लिए आपको लालच देंगे।’’
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