नयी दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बृहस्पतिवार को कहा कि आदतन प्रतिकूल बातें करने वालों के तीन मुद्दों - भगवा आतंकवाद, गोधरा कांड और नीरव मोदी मामले में - पर शुरू किये गये फर्जी अभियान एक ही दिन में धराशायी हो गये। समझौता एक्सप्रेस धमाका मामले में विशेष अदालत ने बुधवार को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की भगवा आतंकवाद की सोच को खारिज कर दिया। दूसरी तरफ गोधरा कांड में अदालत ने एक और व्यक्ति को दोषी ठहराया है। इसके अलावा भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के मामले में लंदन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जिसने उसे जेल भेज दिया। ये तीनों घटनाक्रम एक ही दिन में सामने आये हैं।
जेटली ने ‘‘तीन झूठे अभियान एक ही दिन में हुये धराशायी’’ शीर्षक से लिखे अपने ब्लॉग में कहा है, ‘‘.... सच और झूठ में एक बुनियादी फर्क यही होता है कि सच सबको साथ रखता है जबकि झूठ अलग-थलग पड़ जाता है। ‘आदतन प्रतिकूल बातें करने वालों के हर झूठे अभियान की कुछ समय बाद आखिर सच्चाई सामने आ जाती है। चुनाव जनादेश हो या फिर न्यायिक प्रक्रिया ये अंतिम फैसला सुनाते हैं।’’
जेटली ने कहा कि नीरव मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2011 में धोखा देना शुरू कर दिया था। उसके अपराध को 2018 में मौजूदा सरकार के तहत बैंकों, जांच एजेंसियों ने पकड़ा। नीरव मोदी की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है, उसकी नीलामी की जा रही है। उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। बैंकों और अन्य रिणदाताओं का बकाया वसूलने के लिये वसूली कार्रवाई शुरू की गई है। वित्त मंत्री ने कहा कि केवल फर्जी, झूठे मुद्दों पर अधिक निर्भरता बनाये रखने में अंतर्निहित खतरा है।
जेटली ने कहा, ‘‘हमारे आग्रह पर ही उसे गिरफ्तार किया गया और जमानत से इनकार कर दिया गया। उसके खिलाफ मजबूत मामला है और उम्मीद है कि भारत उसे जल्द ही वापस पा लेगा। जो भी भारत और उसके संस्थानों के साथ धोखेबाजी करेगा वह बच नहीं सकता है। उसे ढूंढ लिया जायेगा। इससे ऐसा झूठा अभियान भी अपने आप समाप्त हो गया जिसका इस सरकार से कोई लेना देना नहीं था।’’
जेटली ने ब्लॉग में लिखा है, ‘‘मुझे उम्मीद है कि झूठा अभियान चलाने वालों को इससे कुछ सीख मिलेगी।’’
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