कांग्रेस की 'दयनीय' स्थिति पर कपिल सिब्बल ने जताई चिंता, इशारों में पार्टी नेतृत्व पर साधा निशाना
कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे एक वरिष्ठ सहयोगी ने cwc की मीटिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्षा को लिखा था ताकि जो हम पब्लिक में नहीं कह सकते वो उनके सामने कह सकें। कम से कम cwc में इस बात पर चर्चा तो हो कि क्यों इस तरह की स्थिति बन चुकी है।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में मचे हंगामे के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने अपनी ही पार्टी पर बड़े सवाल उठाए हैं। कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस को ये सोचना होगा कि बड़े नेता पार्टी को छोड़कर क्यों जा रहे हैं। सिंधिंया, जितिन प्रसाद जैसे लोग पार्टी को छोड़कर चले गए। हम एक ऐसी पार्टी हैं जिसका कोई अध्यक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, "सुष्मिता जी चली गईं, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री चले गए, उनके साथ कई और लोग चले गए। जितिन प्रसाद जी को मंत्रालय मिल गया, सिंधिया जी पहले ही चले गए थे, हमारे एक पूर्व अध्यक्ष के बेटे ने कांग्रेस छोड़ दी, ललितेश त्रिपाठी उत्तर प्रदेश से चले गए, हरियाणा में कुछ लोग चले गए, केरल में पूर्व पीसीसी प्रेसिडेंट सुधीरन चले गए, तो सवाल उठता है कि क्यों जा रहे हैं। हमारी पार्टी में फिलहाल कोई अध्यक्ष नहीं है, हमें अभी तक नहीं पता कि कौन इस तरह के निर्णय ले रहा है।"
कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे एक वरिष्ठ सहयोगी ने cwc की मीटिंग के लिए कांग्रेस अध्यक्षा को लिखा था ताकि जो हम पब्लिक में नहीं कह सकते वो उनके सामने कह सकें। कम से कम cwc में इस बात पर चर्चा तो हो कि क्यों इस तरह की स्थिति बन चुकी है। हम ऐसे लोग नहीं है जो कांग्रेस पार्टी कि विचारधारा को छोड़कर दूसरी जगह चले जाएं लेकिन यह विडंबना है कि जो लोग इनके खासमखास थे वे लोग इनको छोड़कर चले गए लेकिन ये समझते हैं कि इनके खासमखास नहीं हैं वे आज भी इनके साथ खड़े हैं, यह कांग्रेस पार्टी की विडंबना है।
उन्होंने कहा, "इस स्थिति में मैं यही कहूंगा कि हिंदुंस्तान के हर कांग्रेस कार्यकर्ता को यही सोचना चाहिए कि पार्टी आगे कैसे बढ़े और कैसे इसको मजबूत किया जा सकता है। मैं तो यह भी कहूंगा कि जो कांग्रेस कार्यकर्ता हमें छोड़कर चले गए हैं वे वापस आएं। कांग्रेस ही एक ऐसी विचारधारा है जो इस देश की बुनियाद है उसको बरकरार रख सकती है। कांग्रेस पार्टी ही अकेले इस गणतंत्र को बचा सकती है। मौजूदा सरकार इसको बर्बाद करने में लगी हुई है।"
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चीन ने सीमा में घुसपैठ की, अफगानिस्तान में हुए बदलाव से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा पर खतरा है, लाखों लोग गरीबी में जा चुके हैं, बेरोजगारी दर बढ़ रही है, सरकार बहूमूल्य संपत्ति को बेच रही है, ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी इस स्थिति में आ चुकी है जो निऱाशाजनक है। हमें मिलकर लड़ने की जरूरत थी ऐसी सरकार के खिलाफ जो दिल्ली में बैठी हुई है लेकिन उसके पास एक दिन भी सरकार चलाने का अधिकार नहीं है। इस स्थिति में क्या हो रहा है, हमारे लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान पर उन्होंने कहा, "मैं पंजाब के बारे में बात नहीं करना चाहता, लेकिन एक सीमावर्ती राज्य में इस तरह कांग्रेस पार्टी के लिए यह सब हो रहा है और इसका मतलब है कि इससे पाकिस्तान और आईएसआई को फायदा होगा। हमें पंजाब का इतिहास पता है और जानते हैं कि कैसे वहां कट्टरपंथ बढ़ता है। हमें पता है कि सीमा पार की ताकतें किस तरह से पंजाब में परिस्थितियों का फायदा उठाती हैं। यही ताकतें इस समय हमारी देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती हैं।"
सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि वे एकजुट रहें और अगर किसी को कोई परेशानी हो तो उसे पार्टी के वरिष्ठतम नेता के साथ डिस्कस किया जाए। संगठनात्मक ढांचे को बनाने की जरूरत है और अगर कोई अध्यक्ष होता और चुनी हुई cwc होती तो ही यह संभव होता। हम समझते हैं कि कांग्रेस को हम कमजोर होते देख नहीं सकते, हम कितने समय से इंतजार कर रहे हैं और फिर इंतजार करने की भी तो हद होती है। नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस में लाने और उनके जाने का जवाब नहीं दूंगा क्योंकि इस तरह की बातें cwc प्लेटफॉर्म पर होनी चाहिए, पब्लिक नहीं।
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