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बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी गठबंधन को मात देने के लिए यह है RJD की रणनीति!

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।

Bihar assembly elections, Bihar assembly polls, Bihar polls, RJD Bihar, BJP Bihar, Bihar NDA- India TV Hindi RJD chief Lalu Prasad Yadav and his wife Rabri Devi with their sons Tej Pratap Yadav and Tejashwi Prasad Yadav | PTI File

पटना: बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के गठबंधन के झारखंड चुनाव में अभूतपूर्व सफलता से उत्साहित RJD भी अपने अध्यक्ष लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में अभी से ‘चुनावी मोड’ में आ गई है और तैयारी शुरू कर दी है। RJD इस चुनाव में जहां अपने पुराने चेहरों को एकबार फिर ‘फ्रंट’ पर लाने की कवायद में जुटी है, वहीं अपनी सियासी चाल और सियासी चरित्र भी बदलने में शिद्दत से जुटी हुई है।

सवर्ण चेहरे को बनाया प्रदेश अध्यक्ष
आम तौर पर मुस्लिम और यादव समुदाय को अपना वोटबैंक मानने वाले RJD ने जगदानंद सिंह जैसे सवर्ण को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी देकर इसके संकेत दे दिए हैं। ऐसे में RJD 1995 की RJD सरकार के सवर्ण चेहरों को फिर से सामने लाकर 2020 की चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत में जुटा है। सदन में सवर्ण (सामान्य) वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोरों को आरक्षण का विरोध करने वाली पार्टी ने अब सबके लिए अपना दरवाजा खोलकर रघुवंश प्रसाद सिंह व जगदानंद सिंह जैसे सवर्णो को आगे कर दिया है।

‘JDU को लड़ाई में ही नहीं मानती RJD’
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को सत्ता से हटाने में कामयाबी मिलने से उत्साहित RJD बिहार को लेकर भी अति उत्साहित है। इसके पहले भी बिहार में हुए उपचुनाव में RJD को अच्छी सफलता मिल चुकी है। RJD के एक नेता की मानें तो RJD सत्ताधारी JDU को लड़ाई में मानती ही नहीं है। RJD भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ सड़क पर आंदोलन खड़ा करने की रणनीति बना रही है। इसके तहत तेजस्वी क्षेत्रों का दौरा करने निकलेंगे और कार्यकर्ताओं में उत्साह भरेंगे। इस दौरान वे 'आंदोलन' के कार्यक्रम भी तय करेंगे।

Bihar CM Nitish Kumar and Deputy CM Sushil Modi | PTI File

BJP के सहयोगी दलों से नाराज नेताओं पर है नजर
दूसरी ओर, RJD न केवल सवर्ण नेताओं को, बल्कि पिछड़े और दलित नेताओं को भी सामाजिक समीकरण दुरुस्त करने के लिए पार्टी के साथ जोड़ने की फिराक में है, जो कभी लालू प्रसाद की राजनीति के गवाह रहे हैं। RJD सूत्रों का कहना है कि रमई राम, उदय नारायण चौधरी, वृष्णि पटेल सहित ऐसे नेताओं पर भी RJD की नजर है जो BJP और उसके सहयोगी दलों से नाराज हैं। RJD के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी हालांकि कहते हैं कि RJD ने कभी भी जाति की राजनीति नहीं की है। RJD शुरू से ही सभी को साथ लेकर चलती है। उन्होंने कहा कि ‘RJD अपने पुराने साथियों को फिर से अपने साथ लाने में जुटी है तो इसमें गलत क्या है? ’

‘विपक्षी दलों का महागठबंधन तय’
मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस साल होने वाले चुनाव में विपक्षी दलों का महागठबंधन तय माना जा रहा है, लेकिन इस पर अभी बहुत कुछ कहना जल्दबाजी है। इस बीच RJD के एक नेता ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि RJD की कोशिश संगठन को मजबूत बनाने की है। मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को तरजीह देने के नाम पर किसी को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘अभी तक जिलों, प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर संगठन का विस्तार नहीं हो सका है। इसी में आपको झलक मिल जाएगी।’ 

विरोधियों पर लगातार निशाना साध रही है RJD
उल्लेखनीय है कि RJD की ओर से संगठन के सारे पदों को अति पिछड़ों एवं एससी-एसटी के लिए 45 प्रतिशत आरक्षित कर दिया गया है। RJD इस बीच विरोधियों पर कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साध रही है। आपको बता दें कि 2015 में महागठबंधन के साथ RJD, कांग्रेस और JDU साथ में चुनावी मैदान में उतरी थी, लेकिन इस चुनाव में JDU के BJP के साथ रहने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में RJD किस तरह अन्य दलों को मिलाकर गठबंधन के जरिए रणनीति बनाएगी जो BJP, JDU को चुनावी मैदान में मात दे सके, वह देखने वाली बात होगी।

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