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तेजस्वी यादव अब बिहार महागठबंधन के नेता नहीं, जानिए वजह

लोकसभा चुनाव में हार के बाद घटक दल के नेताओं ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल उनके नाम को खारिज कर दिया। इससे अब यह कहा जाने लगा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं रहे।

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पटना: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद मंगलवार को महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की पहली बैठक हुई, और एकजुट होकर सरकार के खिलाफ संघर्ष करने का निर्णय भी लिया गया। लेकिन महागठबंधन का नेता कौन होगा, इसे लेकर संशय बरकरार है। घटक दलों के नेताओं ने संकेत भी दिए हैं कि महागठबंधन के नेता पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के सभी घटक दल एक साथ दिख रहे थे। मगर चुनाव में हार के बाद घटक दल के नेताओं ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए विधानसभा चुनाव के लिए फिलहाल उनके नाम को खारिज कर दिया। इससे अब यह कहा जाने लगा है कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं रहे।

पूर्व मुख्यमंत्री और महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने पत्रकारों से कहा, "महागठबंधन का नेता कौन होगा, यह बाद में तय किया जाएगा।" तेजस्वी को नेता बनाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह फिलहाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने कहा कि पहले राजग राज्य में अपना नेता घोषित करे, फिर जरूरत होगी तो महागठबंधन भी अपना नेता घोषित करेगा।

बैठक में शामिल नेताओं ने भी तेजस्वी को महागठबंधन का नेता घोषित करने पर चुप्पी साध ली। तेजस्वी के नेता बनने के संबंध में पत्रकारों के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा, रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी और राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे सभी ने चुप्पी साध ली।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मांझी राजद नेता तेजस्वी को अनुभवहीन बता चुके हैं। इसके अलावा कांग्रेस के विरेंद्र सिंह राठौड़ भी कह चुके हैं कि अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, यह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही तय करेंगे। कई कांग्रेसी नेता तो महागठबंधन से अलग होने तक की बात कर चुके हैं।

राजद हालांकि आगामी किसी भी चुनाव में तेजस्वी के नेतृत्व में ही मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है। महागठबंधन द्वारा नेता घोषित नहीं किए जाने पर विरोधी कटाक्ष कर रहे हैं। जद (यू) के वरिष्ठ नेता और बिहार के संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह महागठबंधन ही स्वार्थ की पृष्ठभूमि पर बना है और इसे जनसरोकार से कोई मतलब नहीं है।

गौरतलब है कि मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर महागठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में लोकसभा चुनाव की हार पर चर्चा के साथ ही आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया।

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