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स्‍वदेशी का मतलब ये नहीं की हर विदेशी सामान का बहिष्‍कार कर दिया जाएः संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि स्‍वदेशी का मतलब हर विदेशी सामान का बहिष्‍कार नहीं है।

Swadeshi does not necessarily mean boycotting all foreign products: Mohan Bhagwat- India TV Hindi Image Source : PTI Swadeshi does not necessarily mean boycotting all foreign products: Mohan Bhagwat

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि स्‍वदेशी का मतलब हर विदेशी सामान का बहिष्‍कार नहीं है। केवल उन्हीं प्रौद्योगिकियों या सामग्रियों का आयात किया जा सकता है, जिनका देश में पारंपरिक रूप से अभाव है या जो स्थानीय रूप से उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत अभियान पर बोलते हुए विकास के तीसरे मॉडल की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्म निर्भर भारत की बात इसी के आधार पर की है। संघ प्रमुख ने प्रो राजेंद्र गुप्ता की दो पुस्तकों का बुधवार को ऑनलाइन विमोचन करते हुए स्वदेशी मुहिम और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के मुद्दों पर भी चर्चा की। संघ प्रमुख ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि स्वदेशी का मतलब विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार नहीं है। लेकिन विदेशी सामानों को अपनी शर्तों पर हमें लेना है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कोरोना के दौर में नए विकास मॉडल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के बाद जिस तरह की आर्थिक नीतियों की जरूरत थी उस तरह की नीतियां नहीं बन सकीं। उस समय पाश्चात्य देशों के मॉडल का अंधाधुंध अनुकरण किया गया। भारत के अनुकूल नीति नहीं तैयार हुई। हालांकि संघ प्रमुख ने मौजूदा समय इस दिशा में हो रहे प्रयासों पर संतोष जाहिर किया।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पहले एक मॉडल में कहा गया कि मनुष्य की सत्ता है और दूसरा कहता है कि समाज की सत्ता है। ऐसा विचार आया कि दुनिया को एक वैश्विक बाजार बनना चाहिए। लेकिन कोरोना काल की परिस्थितियों में अब विकास के तीसरे मॉडल की जरूरत है जो मूल्यों पर आधारित हो।

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