नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को कहा कि कराची (पाकिस्तान) से मूक-बधिर भारतीय युवती गीता को स्वदेश वापस लाने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने का काम चल रहा है। सुषमा ने ट्वीट किया, "हम गीता को भारत वापस लाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं।"
उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि बीते कुछ दिनों के दौरान पंजाब, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के चार परिवारों ने यह दावा किया है कि गीता उनकी बेटी है, जिसके बाद उन्होंने इन चार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से उनके दावों का सत्यापन करने के लिए कहा है।
सुषमा ने ट्वीट किया, "गीता ने संकेतों के माध्यम से पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त से बातें की और बताया कि वह सात भाई-बहन है। उसने बताया कि वह अपने पिता के साथ एक मंदिर के दर्शन के लिए गई थी। उसने 'वैष्णव देवी' लिखा। इस जानकारियों के आधार पर कृपया गीता के परिवार को ढूंढने में मदद करें।"
सुषमा ने मंगलवार को बताया था कि कराची स्थित एधि फाउंडेशन में पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त टी. सी. ए. राघवन ने गीता से मुलाकात की थी, जहां वह पिछले 15 साल से गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले जाने के बाद रह रही है।
सुषमा ने राघवन से कराची जाकर गीता से मुलाकात करने के लिए कहा था।
गीता की मदद का प्रयास कर रहे पाकिस्तान के अग्रणी मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी गीता की तस्वीरें लेकर अक्टूबर 2012 में भारत आए थे, लेकिन तब उन्हें इस मामले में कोई सफलता नहीं मिली थी।
गीता 2003 में गलती से पाकिस्तान की सीमा में चली गई थी। तब वह 11 साल की थी। उसे पाकिस्तान रेंजर्स ने लाहौर में देखा था। इसके बाद उसे पाकिस्तान के सामाजिक कल्याण संगठन एधि फाउंडेशन को सौंप दिया गया था। संस्था की संचालक बिल्कीस एधि ने उसे गीता नाम दिया था।
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