‘सुपर-30’ पर बिहार में मचा सियासी बवाल, जानें क्या है पूरा मामला
बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 45 लाख 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
नई दिल्ली: बिहार के गणितज्ञ आनंद कुमार की लाइफ पर बनी फिल्म सुपर-30 खूब पसंद की जा रही है लेकिन इसे देखने पर बिहार की सियासत में बवाल मच गया है। विपक्ष बोल रहा है बाढ़ में बच्चे भूखे मर रहे हैं, घर-मकान डूब रहे हैं और डिप्टी सीएम एंयर कंडीशन सिनेमा हॉल में फिल्म सुपर 30 का मजा ले रहे हैं। बता दें बिहार में बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुश्किल की इस घड़ी में बाढ़ पीड़ित सरकारी राहत का इंतजार कर रहे हैं लेकिन सूबे के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को इनसे मिलने की फुरसत तो नहीं मिली हां फिल्म जाने की तैयारी वो पहले से ही जरूर कर रहे थे। ये जानकारी सुशील मोदी ने ट्वीट कर खुद दी थी।
उन्होंने ट्वीट किया, “बिहार सरकार ने गरीब के बच्चों को इंजीनियर बनने की प्रेरणा देनी वाली फिल्म सुपर-30 को कर-मुक्त किया है और इसके प्रति आम जनता, खास कर छात्रों में उत्साह जगाने के लिए मंत्रिमंडल ने सामूहिक रूप से फिल्म देखने का फैसला भी किया।“
वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सुशील मोदी के फिल्म देखने पर हमला किया है। आरजेडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए गए। आरजेडी के ट्विटर हैंडल पर पार्टी ने लिखा, '’निशब्द! और बिहार का पूरा मंत्रिमंडल बुधवार रात सुशील मोदी की अगुआई में मल्टीप्लेक्स में फ्री डिनर के साथ फिल्म देख रहा था। ऊपर से मंत्री कह रहे थे- बाढ़ आई तो क्या खाना-पीना, मूवी देखना छोड़ दे। बेशर्म कहीं के!'’
फिल्म देखने का प्लान तो सीएम नीतीश कुमार का भी था लेकिन बिहार पुलिस की एक चिट्ठी पर उठे विवाद की वजह से उन्हें अफसरों के साथ मीटिंग करनी थी सो वो फिल्म देखने नहीं जा सके। इसका उन्हें मलाल जरूर हो रहा होगा। बता दें कि बिहार के 12 जिलों में आई बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 45 लाख 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार के 12 जिलों - शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में अब तक 78 लोगों की मौत हुई है जबकि 45 लाख 40 हजार से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। बिहार में सीतामढी में 18, मधुबनी में 14, अररिया में 12, शिवहर एवं दरभंगा 9-9, पूर्णिया में 7, किशनगंज में 4 और सुपौल में 3 मौतें हुई हैं।
बाढ़ प्रभावित इन 12 जिलों में कुल 130 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं जहां एक लाख 13 हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं और उनके भोजन की व्यवस्था के लिए 1119 सामुदायिक रसोई चलाई जा रही हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 26 टीमें तैनात की गई हैं तथा 125 मोटरबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है।
केंद्रीय जल आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बिहार की कई नदियां - गंडक, बूढी गंडक, बागमती, अधवारा समूह, कमला बलान, कोसी, महानंदा और परमान नदी - विभिन्न स्थानों पर आज सुबह खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। भारत मौसम विभाग के अनुसार, बिहार की सभी नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में शुक्रवार सुबह तक हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।