नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इजराइली स्पाईवेयर पैगसस को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। राहुल ने कहा कि पिछले संसद सत्र के दौरान हमने पैगसस के मामले को उठाया था क्योंकि हमें लगा था कि यह देश के लोकतात्रिक ढांचे पर हमला था, और आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर हमने जो कहा था, उसका समर्थन किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम खुश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है।
‘हम सरकार से 3 सवाल पूछ रहे थे’
राहुल ने कहा, ‘हम सरकार से 3 सवाल पूछ रहे थे। किसने पेगासस को अधिकार दिया? हम यह जानते हैं कि इस सॉफ्टवेयर को कोई व्यक्ति नहीं खरीद सकता बल्कि सरकार खरीद सकती है। हमारा दूसरा सवाल था कि इसके जरिए किन लोगों की जासूसी की गई, क्योंकि एक लंबी लिस्ट थी जिसमें विपक्षी दलों के नेताओं से लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तक थे। हम यह जानना चाहते थे कि किसकी जासूसी हुई। हमने यह भी पूछा था कि क्या किसी अन्य देश के पास भी हमारे लोगों की जानकारी थी, लेकिन हमें कोई उत्तर नहीं दिया गया।’
‘यह भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश थी’
राहुल गांधी ने कहा कि पैगसस भारत के लोकतंत्र को समाप्त करने का एक प्रयास था, देश की राजनीति को कंट्रोल करने का एक जरिया था ताकि लोगों को ब्लैकमेल किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘हम खुश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने इसपर फैसला सुनाया है। हम संसद में इस मामले को फिर उठाएंगे और हो सकता है कि भारतीय जनता पार्टी उस डिबेट को रोकने का प्रयास करे। हम चाहेंगे कि संसद में इसपर डिस्कशन हो, पैगसस को या तो प्रधानमंत्री ने ऑर्डर किया है या गृहमंत्री ने। कोई दूसरा व्यक्ति इसका ऑर्डर नहीं कर सकता।’
‘भारत में पैगसस का इस्तेमाल गैरकानूनी’
राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री ने हमारे ही देश पर किसी और देश से मिलकर आक्रमण किया है तो फिर इस पर प्रधानमंत्री से भी हम सुनना चाहते हैं कि क्या उन्होंने ऐसा किया है, और अगर किया है तो क्यों किया है। अगर हम कानूनी तौर पर देखें तो भारत में पैगसस का इस्तेमाल गैरकानूनी है। हम जानना चाहते हैं कि अगर प्रधानमंत्री ने इसकी अनुमति दी है तो गैर कानूनी कार्य की अनुमति क्यों दी है।’
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