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Hindi News भारत राजनीति देश की मुस्लिम महिलाओं को मिली ट्रिपल तलाक़ से आजादी, सुप्रीम कोर्ट ने बताया गैर संवैधानिक

देश की मुस्लिम महिलाओं को मिली ट्रिपल तलाक़ से आजादी, सुप्रीम कोर्ट ने बताया गैर संवैधानिक

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आज मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में तीन तलाक कह कर तलाक देने की 1400 साल पुरानी प्रथा खत्म करते हुए इसे पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ और इससे इस्लामिक शरिया कानून का उल्लंघन करने सहित अनेक आधारों पर न

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आज मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एक बार में तीन तलाक कह कर तलाक देने की 1400 साल पुरानी प्रथा खत्म करते हुए इसे पवित्र कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ और इससे इस्लामिक शरिया कानून का उल्लंघन करने सहित अनेक आधारों पर निरस्त कर दिया।

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने , 3:2 के बहुमत से जिसमें प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर अल्पमत में थे, ने एक पंक्ति के आदेश में कहा, 3:2 के बहुमत में रिकॉर्ड की गई अलग-अलग राय के मद्देनजर तलाक-ए-बिद्दत् तीन तलाक की प्रथा निरस्त की जाती है।

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PM मोदी ने फैसले को बताया ऐतिहासिक

सरकार, राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं और याचिकाकर्ताओं ने तत्काल ही इस फैसले का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इसने मुस्लिम महिलाओं को बराबर का हक प्रदान किया है।

कानून मंत्री का क्या कहना है?

कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक मामले में कहा- "सरकार इस मसले पर सिलसिलेवार तरीके से विचार करेगी। कोर्ट के फैसले को शुरुआती तौर पर पढ़ने से लगता है कि मेजॉरिटी (5 जजों की बेंच में से तीन ) ने ट्रिपल तलाक की प्रैक्टिस को असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है।" प्रसाद ने कहा कि अगर इस मामले में कोई गैप होगा तो उसे लेकर कानून में बदलाव किया जाएगा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड करेगा फैसले पर विचार

सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक की जोरदार पैरवी कर चुके मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 7 सितंबर को भोपाल में मीटिंग बुलाई है। बोर्ड के मेंबर जफरयाब जिलानी ने कहा कि इसमें निकाह के कानून में बदलाव पर चर्चा होगी। साथ ही कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पहले भी सम्मान किया है, आज के फैसले के बारे में भी विचार करेंगे।

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