नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की जगह बैलट पेपर के इस्तेमाल का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि कि हर सिस्टम में गलती की आशंका होती है। गौरतलब है कि NGO न्याय भूमि की तरफ से वकील ए. सुभाष राव ने यह याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया था कि EVM का दुरुपयोग किया जा सकता है, इसलिए इसकी जगह बैलट पेपर से ही चुनाव कराए जाने की मांग की गई थी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने NGO ‘न्याय भूमि’ की इन दलीलों से सहमति नहीं जताई कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) का दुरुपयोग हो सकता है और स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए उनका उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। जनहित याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘प्रत्येक प्रणाली और मशीन का उपयोग तथा दुरुपयोग दोनों हो सकता है। आशंकाएं सभी जगह होंगी।’ पीठ के 2 अन्य सदस्यों में जस्टिस के. एम. जोसफ और जस्टिस एम. आर. शाह शामिल थे।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग कई बार दावा कर चुका है कि ये मशीनें पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन इसके बावजूद कुछ संगठन और राजनीतिक पार्टिया इसके दुरुपयोग की आशंका जताती रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले तमाम आशंकाओं को दूर करने के लिए सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के लिए वोटर वेरिफाएबल ट्रेल्स (VVPAT) को अनिवार्य करने का आदेश दिया था। चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि 2019 लोकसभा चुनाव में देश के सभी बूथों पर VVPAT मशीनें उपलब्ध होंगी।
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