नई दिल्ली: राजनीति में ‘दागी’ माननीयों की बढ़ती संख्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। देश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को एक अहम आदेश में देश के राजनीतिक दलों से कहा कि वे चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड जनता के सामने रखें। अदालत ने कहा कि सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रेकॉर्ड को साइट पर अपलोड करें। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही आगाह भी किया है कि यदि इस आदेश का पालन नहीं हुआ तो अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है।
‘क्या मजबूरी है कि अपराधियों को देते हैं टिकट?’
राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड को अखबारों, वेबसाइट और सोशल मीडिया पर प्रकाशित करें। कोर्ट ने कहा कि सभी पार्टियों को 48 घंटे के अंदर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड को प्रकाशित करना होगा। अदालत ने इसके साथ ही सभी राजनीतिक दलों से पूछा कि आखिर उनकी ऐसी क्या मजबूरी है कि वह आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को टिकट देते हैं।
कोर्ट ने कहा- टिकट देने का कारण भी बताओ
कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वे आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को चुनने का कारण भी प्रकाशित करें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इन उम्मीदवारों को चुनने का कारण उनकी जीतने की क्षमता से इतर होना चाहिए। वहीं सियासी दलों को ऐसे उम्मीदवार को चुनने के 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनके बारे में अगर राजनीतिक दल कोर्ट की व्यवस्था का पालन करने में असफल रहते हैं तो चुनाव आयोग इसे शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाएगा।
Latest India News