नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में कांग्रेस नेता शशि थरूर की अग्रिम जमानत याचिका पर आदेश कल तक के लिये सुरक्षित रख लिया। तिरूवनंतपुरम से सांसद को इस मामले में पहले ही बतौर आरोपी तलब किया जा चुका है। दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस नेता के विदेश भाग जाने का संदेह व्यक्त करते हुये थरूर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया था जिसके बाद विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने आदेश पर फैसला सुरक्षित रख लिया। कांग्रेस नेता अग्रिम जमानत के लिए कल अदालत गये थे। (उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में RSS कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या )
अपनी याचिका में थरूर ने कहा था कि मामले में आरोपपत्र दाखिल कर दिया गया है और एसआईटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जांच पूरी हो गयी है और हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत नहीं है। अदालत ने पांच जून को शशि थरूर को समन जारी कर उन्हें सात जुलाई को पेश होने को कहा था और माना था कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का पर्याप्त आधार है। गौरतलब है कि सुनंदा 17 जुलाई 2014 को दिल्ली के एक आलीशान होटल के कमरे में मृत पाई गई थीं। थरूर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए (पति या रिश्तेदार के हाथों महिला की प्रताड़ना) और 306 (आत्महत्या क लिए उकसाना) के तहत आरोप लगाये गये हैं। हालांकि थरूर की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दिल्ली पुलिस ने 14 मई को दायर अपने आरोप पत्र में थरूर पर सुंनदा को खुदकुशी के लिए उकसाने का आरोप लगाया है और कहा है कि अदालत को मामले में उन्हें एक आरोपी के रूप में तलब किया जाना चाहिए। पुलिस ने उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य होने का दावा किया। करीब 3000 पन्नों के आरोपपत्र में पुलिस ने थरूर को एकमात्र आरोपी बताया और कहा कि वह अपनी पत्नी को प्रताड़ित करते थे।
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