कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ टकराव के रास्ते पर चलते हुए जाधवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून पर उनके रूख समेत कई मुद्दों को लेकर विरोधस्वरूप सांकेतिक रूप से उन्हें कुलाधिपति के रूप में ‘‘निष्कासित’’ करने का फैसला किया है।
गत 24 दिसम्बर को राजभवन को किये एक ईमेल में कला संकाय छात्र संघ (एएफएसयू) ने कहा, ‘‘महोदय, हमारे परिसर में आपका स्वागत नहीं है।’’ इसी दिन प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने से धनखड़ को रोका था। मेल में ‘‘विभिन्न समसामयिक मुद्दों’’ पर राज्यपाल के विचारों का विरोध किया गया है। इसमें कहा गया है, ‘‘जैसा कि आप एक निष्पक्ष संवैधानिक प्रमुख की तरह काम नहीं करते हैं और आपका रवैया छात्रों के प्रति संरक्षक की तरह नहीं है, इसलिए आपका हमारे परिसर में स्वागत नहीं है।’’
एएफएसयू की नेता उषाशी पॉल ने बृहस्पतिवार को कहा कि छात्र संगठन अब उनके कामकाज पर एक ‘रिपोर्ट कार्ड’ तैयार कर रहा है और एक ‘खुला पत्र’ संलग्न करेगा जहां ‘‘हम यादवपुर विश्वविद्यालय जैसे एक प्रमुख संस्थान के कुलाधिपति के रूप में सांकेतिक तौर पर उन्हें निष्कासित करेंगे।’
पॉल ने कहा कि खुले पत्र में जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों पर हमले को लेकर किये गये सवालों के उनके ‘‘असंतोषजनक’’ जवाब, संशोधित नागरिकता कानून पर उनका समर्थन और उत्तर प्रदेश में कथित पुलिस गोलीबारी में प्रदर्शनकारियों की मौतों पर ‘‘चुप्पी’’ का विरोध किया जायेगा
जब इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए ‘पीटीआई’ ने जाधवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास से संपर्क किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। पश्चिम बंगाल में नये नागरिकता कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शनों के बीच धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘‘असंवैधानिक और भड़काऊ कार्रवाई’’ में लिप्त होने के बजाय कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी थी।
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