भारतीय राजनीति में 17 साल बाद फिर ऑडियो क्लिप की कहानी
राजस्थान की सियासत में मची हलचल के बीच एक ऑडियो क्लिप सामने आया है, जिसने 17 साल पहले छत्तीसगढ़ में सामने आए एक ऑडियो क्लिप की कहानी याद दिला दी है।
नई दिल्ली: राजस्थान की सियासत में मची हलचल के बीच एक ऑडियो क्लिप सामने आया है, जिसने 17 साल पहले छत्तीसगढ़ में सामने आए एक ऑडियो क्लिप की कहानी याद दिला दी है। छत्तीसगढ़ के तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी को उस ऑडियो क्लिप ने असहज स्थिति में डाल दिया था।
छत्तीसगढ़ में यह ऑडियो क्लिप 2003 में लीक हुआ था। फर्क बस इतना है कि उस समय कांग्रेस के एक बड़े नेता-मुख्यमंत्री अजीत जोगी इसके मुख्य खिलाड़ी थे और राजस्थान में अब कांग्रेस पीड़ित की भूमिका में है और उसने भाजपा पर अशोक गहलोत की सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट के खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा और जयपुर निवासी और भाजपा नेता संजय जैन के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त संबंधी बातचीत वाले तीन ऑडियो क्लिप जारी किए।
छत्तीसगढ़ में जोगी के पास विधानसभा में बहुमत नहीं था, और उन्होंने बहुमत हासिल करने की कोशिश की थी। भाजपा के तत्कालीन नेता वीरेंद्र पांडे के साथ उनकी बातचीत टेप कर लिया गया था। उन्होंने कथित तौर पर प्रतिद्वंद्वी पार्टी भाजपा के विधायकों को अपने पाले में करने का प्रयास किया था। ऑडियो लीक होने के बाद सोनिया गांधी ने हस्तक्षेप किया और सुनिश्चित किया कि भाजपा विधायकों को न तोड़ा जाए। बाद में कांग्रेस ने जोगी को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
जोगी पर आरोप लगाते हुए, तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री अरुण जेटली ने कहा था, "आवाजों में से एक (टेप में) जो सुनी जा सकता है, वह जोगी की हो सकती है और दूसरी भाजपा विधायक वीरेंद्र पांडे की है।" रिपोर्टों के अनुसार, जेटली ने स्पष्ट किया कि पांडे ने केवल जोगी को फंसाने के लिए यह बातचीत की थी। जोगी का प्रयास नाकाम रहने के बाद भाजपा के रमन सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करने और निष्पक्ष जांच की मांग की।