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Hindi News भारत राजनीति सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'जनता प्रधानमंत्री का नया चेहरा चाहती है''

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'जनता प्रधानमंत्री का नया चेहरा चाहती है''

समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा के खिलाफ वोट डालने की तैयारी कर रही है और वह प्रधानमंत्री का नया चेहरा चाहती है।

Akhilesh yadav- India TV Hindi Akhilesh yadav

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जनता भाजपा के खिलाफ वोट डालने की तैयारी कर रही है और वह प्रधानमंत्री का नया चेहरा चाहती है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने यहां हिन्दुस्तान समाचार पत्र द्वारा आयोजित 'हिन्दुस्तान शिखर समागम' में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के 'मिशन 74' के बारे में बताये जाने पर कहा, ''भाजपा के पास अब 73 सीटें नहीं हैं। अब 70 सीट बची हैं। जनता वोट डालने का इंतजार कर रही है। महागठबंधन का इंतजार मत कीजिए। जनता इनके खिलाफ वोट डालने की तैयारी कर रही है ... हम अपनी रणनीति क्यों बतायें और यदि बता देंगे तो हार जाएंगे। जैसे कैराना, फूलपुर और गोरखपुर में किया, वही रणनीति तैयार की है।’’ 

महागठबंधन का चेहरा या प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ''देश नये प्रधानमंत्री का इंतजार कर रही है। हमें भाजपा बता दे कि उनका प्रधानमंत्री कौन होगा। देश नये प्रधानमंत्री के इंतजार में है। अगर भाजपा के पास कोई नया प्रधानमंत्री नहीं है तो आप हमसे क्यों पूछते हैं।'' इस सवाल पर कि क्या उन्हें भावी प्रधानमंत्री के रूप में देखा जाए, यादव ने कहा कि वह इतना बडा सपना नहीं देखते। बसपा प्रमुख मायावती का हाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बुआ (मायावती) का हाल पूछ रहा है। जिसके साथ समाजवादी लोग होंगे, उन सभी का हाल अच्छा होगा। 

सपा प्रमुख ने कहा कि 2019 देश का बहुत अहम चुनाव है। कहीं न कहीं जनता पुरानी सरकारों के कामकाज को देखकर फैसला लेगी। ज्यादातर प्रदेशों में भाजपा की सरकार है और उत्तर प्रदेश में सपा विपक्ष की पार्टी है। कहीं न कहीं सपा की जिम्मेदारी भी बडी है और जो जनता के बीच काम किया है, उसका तो आकलन होगा ही। 

यादव ने कहा कि नोटबंदी पर अब बहस होनी चाहिए क्योंकि मोदी सरकार का सबसे बडा फैसला नोटबंदी था। नोटबंदी के बारे में पूरा देश जान गया है। कम से कम अब देश में इस पर बहस होनी चाहिए। उस समय (नोटबंदी के समय) एकतरफा बहस थी। नोटबंदी से फायदा क्या हुआ। क्या आतंकवाद, नक्सलवाद या भ्रष्टाचार खत्म हो गया। रूपया काला-सफेद नहीं होता बल्कि हमारा आपका लेनदेन काला-सफेद होता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश को दंगामुक्त करने के दावे पर पूछे गये सवाल पर यादव ने तंज कसा, ''दंगा करने वाले सत्ता में आ जाएंगे तो दंगा कैसे होगा... हमने आतंकवादियों पर मुकदमे वापस नहीं लिये है। जिनके मुकदमे वापस लिये अगर वे आतंकी हैं तो मुख्यमंत्री ने अपने ऊपर लगे मुकदमे क्यों वापस ले लिये....।'' 
यादव ने कहा कि समाजवादियों ने कभी जाति के आधार पर राजनीति नहीं की। हमें बदनाम जरूर किया गया है। एक्सप्रेसवे पर जब चलता हूं तो खोजता हूं कि इसमें यादव लेन कौन सी है, जिस पर सिर्फ यादव चलेंगे। मेट्रो में यादव वाली सीट कहां है।'' 

प्रभु विष्णु के नाम पर नगर बसाने के ऐलान पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु को सब भूल गये थे इसलिए हम भगवान विष्णु की शरण में चले गये। उन्हीं के अवतार राम-कृष्ण हैं। परिवारवाद और चाचा शिवपाल यादव द्वारा नया मोर्चा बनाये जाने के सवाल पर यादव ने कहा, ''हमारे घर में लोकतंत्र तो है ... खुला लोकतंत्र। इससे ज्यादा लोकतंत्र किसके घर में हो सकता है ... चाचा का सम्मान है। रिश्ते में हम सबका सम्मान कर रहे हैं । हम आज भी अंकल (अमर सिंह) को अंकल ही कह रहे हैं।'' 

जब कहा गया कि अमर सिंह उन्हें ‘नमाजवादी पार्टी’ के अध्यक्ष कहते हैं तो अखिलेश ने कहा, ''आपने गलत सुना। समाजवादी पार्टी ने बहुत कुछ उनको नवाज दिया इसलिए वह गलत नहीं कह रहे हैं। वह हमारी तारीफ कर रहे हैं कि हमने कितना कुछ दिया है।'' 

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