सोनिया चाहती हैं अनुशासनहीनता करने वालों पर हो एक्शन, सूत्रों के हवाले से खबर
सूत्रों ने ये दावा किया है कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक एक्शन लिया जाए।
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी में घमासान मचा हुआ है। सोमवार को हुई CWC की बैठक से कई तरह की खबरें सामने आई हैं। अब सूत्रों ने ये दावा किया है कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि अनुशासनहीनता करने वालों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के संविधान के मुताबिक एक्शन लिया जाए।
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सोनिया गांधी ने की अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में सोमवार को पद छोड़ने की पेशकश की, जिसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी के कई नेताओं ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया। सूत्रों के अनुसार, सीडब्ल्यूसी की बैठक आरंभ होने के बाद सोनिया कहा कि वह अंतरिम अध्यक्ष के तौर अब काम नहीं करना चाहती। एक सूत्र ने कहा कि इसके बाद मनमोहन सिंह और कुछ अन्य नेताओं ने उनसे आग्रह किया कि वह पद पर बनी रहें।
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राहुल ने पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा, समय को लेकर सवाल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि जब पार्टी राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रही थी और सोनिया गांधी अस्वस्थ थीं तो उस समय ऐसा पत्र क्यों लिखा गया। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि जब हम राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में विरोधी ताकतों से लड़ रहे थे और सोनिया अस्वस्थ थीं तो उस समय यह पत्र क्यों लिखा गया?
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CWC की बैठक से पहले नया बवंडर
आपको बता दें कि सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी बवंडर खड़ा हो गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई। हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी-नेहरू परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है।