नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोरोना वायरस महामारी के चलते देशभर में जारी लॉकडाउन के मद्देनजर केंद्र सरकार से असंगठित क्षेत्र, विशेषकर निर्माण श्रमिकों के लिए वित्तीय मदद देने वाला एक कल्याणकारी योजना को लागू करने की मांग की है। सोनिया गांधी ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अपनी यह मांग प्रधानमंत्री के सामने रखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा है कि असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि राज्य निर्माण और अन्य निर्माण कल्याण बोर्ड को निर्देश दिया जाए कि वह संकट में फंसे निर्माण श्रमिकों के लिए आपातकालीन मजदूरी सहायता योजना को लागू करें।
उन्होंने बताया कि कनाडा सहित कई देशों ने कोरोना वायरस की वजह से अपने इकोनॉमिक रिस्पॉन्स प्लान के तहत मजदूरी सब्सिडी उपायों की घोषणा की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कल्याणकारी बोर्ड ने मार्च 2019 तक 49,688 करोड़ रुपए का उपकर संग्रह किया है लेकिन उस समय तक केवल 19,379 करोड़ रुपए ही खर्च किए हैं।
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा कि मजदूर, अधिकांश जो विस्थापित हैं, आय के वैकल्पिक स्रोत के अभाव में मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। 44 लाख विनिर्माण श्रमिकों के साथ लाखों लोग अपने घरेलू राज्यों, शहरों और गांवों में लौट रहे हैं।
कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने भी गरीब लोगों की मदद के कलिए वित्तीय सहायता की मांग की है। उन्होंने प्रत्येक परिवार को 10,000 रुपए देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि शटडाउन एक सकारात्मक कदम है और बहुत से लोग अपना काम खो चुके हैं, जिसमें असंगठित और अन्य क्षेत्रों, कृषि मजदूर, बेरोजगार और दैनिक-वेतनभोगियों को प्रत्यक्ष लाभ स्थानांतरण के जरिये 10,000 रुपए प्रदान किए जाएं।
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