...तो इसलिए राहुल को कांग्रेस की कमान मिलने के बाद भी सोनिया बनी हुई हैं UPA की अध्यक्ष
ऐसे कयास थे कि हाल में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी यह पद भी संभालेंगे...
हैदराबाद: वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने आज कहा कि सोनिया गांधी सहयोगियों को साथ लाने की अपनी क्षमता की वजह से संप्रग अध्यक्ष बनी हुई हैं। ऐसे कयास थे कि हाल में कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी यह पद भी संभालेंगे। मोइली ने बताया, ‘‘सोनिया गांधी संप्रग अध्यक्ष बनी हुई हैं...क्योंकि वह लोगों (संप्रग सहयोगियों) को साथ ला सकती हैं। वह 2004 और 2009 में (इसे) प्रदर्शित कर चुकी हैं।’’ उनसे जब पूछा गया कि विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने की दिशा में राकांपा प्रमुख शरद पवार की ओर से हाल में दिखाई गई ‘‘दिलचस्पी’’ से क्या वह ‘‘चकित’’ हैं तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ।
पवार और कुछ अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने संविधान को ‘‘बचाने’’ के लिए 26 जनवरी को मुंबई में एक मार्च का आयोजन किया था। उनका कहना है कि संविधान पर ‘‘हमले’’ हो रहे हैं। कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों की कल नई दिल्ली में पवार के आवास पर बैठक हुई थी। इसमें उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त रणनीति पर चर्चा की।
मोइली ने कहा, ‘‘हम लोगों को आश्चर्य नहीं है, वह (पवार) दोनों संप्रग (सरकारों) के हिस्से रहे हैं। संप्रग अब भी बना है। कोई संप्रग से नहीं हटा है। 2009 और 2004 दोनों में वह (पवार) हमारे गठबंधन का हिस्सा थे। यह कोई आश्चर्य नहीं है।’’ मोइली ने कहा कि भाजपा विरोधी पार्टियों को अमित शाह नीत भगवा पार्टी के खिलाफ संघर्ष में ‘‘राष्ट्रीय ताकत’’ पाने के लिए कोई व्यापक गठबंधन बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह महज कोई सियासत नहीं है कि हम (विपक्षी पार्टियां) एकताबद्ध हो रही हैं, यह इन तमाम लोकतंत्र विरोधी तत्वों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए है जो भाजपा के तहत एकजुट हो गए हैं। यह देश में लोकतंत्र के लिए है।’’ मोइली ने कहा कि विपक्षी पार्टियों का व्यापक गठबंधन बहुत सुदृढ़ और सबल नहीं हो सकता क्योंकि कांग्रेस कुछ राज्यों में क्षेत्रीय पार्टियों से लड़ रही है, लेकिन गठबंधन सुसंगठित होना चाहिए।’’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि क्षेत्रीय पार्टियां अपने संबंधित राज्यो मे अपने सियासी वजूद के साथ समझौता नहीं कर सकती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आप राष्ट्रीय स्तर पर कोई गठबंधन कर सकते हैं। आपको राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा से संघर्ष करना है। विपक्षी पार्टियों का यह एका जरूरी है।’’ मोइली से जब पूछा गया कि क्या यह एक अच्छा विचार है कि विपक्षी पार्टियां चुनाव से पहले किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आगे आएं तो उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से हम ऐसा कर सकते हें, हमने 2009 में ऐसा किया था। यह कामयाब था।’’