नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पद पर इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देश के सैन्य प्रमुख को गले लगाने के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने इसका बचाव करते हुए कहा है कि यह यात्रा राजनैतिक नहीं थी और उन्होंने वही किया है जो पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अटल बिहारी वाजपेयी भी कर चुके हैं। सिद्धू ने कहा कि मैं अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। लेकिन करगिल युद्ध के बाद उन्होंने भी परवेज मुशर्रफ से मुलाकात की थी। सिद्धू ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी भी बिना किसी बुलावे के नवाज शरीफ के पारिवारिक समारोह में गए थे। (पीडीपी ने किया ‘विद्रोही’ नेताओं को ट्विटर से ‘अनफॉलो’ )
सिद्धू के पाक सेनाध्यक्ष को गले लगाने पर BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने जो कहा, वह खेदजनक है... हम इसकी निंदा करते हैं, और इस पर जवाब सिद्धू जी से नहीं, (कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल (गांधी) जी से चाहते हैं... क्या राहुल जी समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं...?
सिद्धू ने बाजवा को गले लगने पर कहा, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने मुझे बताया कि वे करतारपुर साहिब के लिए रास्ता खोलने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद जो हुआ वह भावुक क्षण था। सिद्धू ने आगे कहा, भारत और पाकिस्तान अगर बातचीत के जरिए अपने मतभेद दूर कर लें और अच्छे पड़ोसी बन जाएं तो यह दक्षिण एशिया के लिए एक संदेश होगा। सिंद्धू ने सफाई देते हुए कहा था कि, बाजवा को गले लगाने के बारे में पूछे जाने पर सिद्धू ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर कोई (पाक सेना प्रमुख) मेरे पास आता है और कहता है कि हमारी संस्कृति एक है और हम पहले सिख गुरू, गुरू नानक देव की 550वीं जयंती पर पाकिस्तान में गुरूद्वारा करतारपुर साहिब का मार्ग खोलेंगे तो मैं क्या कर सकता था?’’
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