भोपाल: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रात में शपथ लेने के बाद वह सीधे मंत्रालय गए और वहां पूजा-पाठ करने के बाद सोमवार देर रात राज्य के आला अधिकारियों से कोरोना वायरस से निपटने को लेकर आपात बैठक की। शिवराज ने मंगलवार से 3 दिन के लिए विधानसभा की बैठक बुलाने का फैसला किया था। शिवराज ने सदन में आसानी से बहुमत हासिल कर लिया क्योंकि उनके पास पर्याप्त सीटें और और कांग्रेस के विधायक अनुपस्थित रहे।
एमपी विधानसभा में किसकी कितनी सीटें
2 विधायकों की मौत और 22 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या घटकर 206 रह गई है। इसके चलते बहुमत का आंकड़ा घटकर 104 पर आ जाता है। 22 विधायकों क इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास अब कुल 92 विधायक ही रह गए हैं। वहीं, 4 निर्दलीय विधायक, 2 बहुजन समाज पार्टी के विधायक और एक समाजवादी पार्टी का विधायक भी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के पास कुल 107 विधायक हैं जिसके चलते वह आसानी से बहुमत हासिल कर सकती है। इसके अलावा उसे निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल होगा।
15 महीने बाद एमपी में फिर आया शिव का ‘राज’ बता दें कि
शिवराज मुख्यमंत्री की कुर्सी से 15 महीने दूर रहने के बाद सोमवार को एक बार फिर उसपर काबिज हो गए। शिवराज ने शपथ लेने के कुछ देर बाद ही कांग्रेस के बागियों का खास तौर पर शुक्रिया अदा किया था। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले इन 22 पूर्व विधायकों को भरोसा दिलाया कि वह कभी भी उनका विश्वास टूटने नहीं देंगे। बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीजेपी में एंट्री और 22 बागियों के चलते ही एमपी की सत्ता एक बार फिर शिवराज को नसीब हुई है।
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