हर समझदार पाकिस्तानी कश्मीर पर अफरीदी की राय से इत्तेफाक रखता होगा: शिवसेना
शिवसेना ने शुक्रवार को पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की उस टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें खिलाड़ी ने कथित तौर पर कहा है कि उनका देश कश्मीर नहीं चाहता है।
मुंबई: शिवसेना ने शुक्रवार को पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी की उस टिप्पणी का स्वागत किया, जिसमें खिलाड़ी ने कथित तौर पर कहा है कि उनका देश कश्मीर नहीं चाहता है। शिवसेना का कहना है कि पाकिस्तान के हर समझदार आम नागरिक का यही विचार होगा। शिवसेना के मुखपत्र सामना ने लिखा है कि वायरल हुए वीडियो में अफरीदी यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि मेरा मानना है कि पाकिस्तान को कश्मीर नहीं चाहिए, और यह राज्य भारत को भी नहीं दिया जाना चाहिए। कश्मीर एक स्वतंत्र देश होना चाहिए।
क्रिकेटर ने कहा था कि मानवता और इंसानियत को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अपने ही देश की माली हालत पर चुटकी लेते हुए अफरीदी ने कहा था कि पाकिस्तान अपने चार प्रांत तो सही तरीके से संभाल नहीं पा रहा है। हालांकि, बाद में मीडिया से बातचीत के दौरान अफरीदी ने कहा था कि भारत की मीडिया ने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया है। बाद में अपनी पुरानी टिप्पणी से पलटते हुए अफरीदी ने कहा था कि कश्मीर पाकिस्तान का है।
सामना ने शुक्रवार को अपने संपादकीय में दावा किया है कि इन दिनों पाकिस्तान आर्थिक दिवालियेपन की दहलीज पर खड़ा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास उसने बेल आउट पैकेज की विनती की है। इससे उस देश की आर्थिक दुर्दशा का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। मुद्रा कोष ने पाकिस्तान की इस विनती को जब नामंजूर कर दिया तो इमरान खान पर कटोरा लेकर चीन के दरवाजे पर जाने की नौबत आ गई।
संपादकीय में लिखा है कि कहा जा रहा है कि चीन ने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर की आर्थिक सहायता देना मंजूर किया है। जब वह पैसा आएगा तो उस समय पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को अस्थाई ऑक्सीजन मिल सकेगी। जिस पाकिस्तान को खुद की अर्थव्यवस्था को जिंदा रखने के लिए चीन के आर्थिक ऑक्सीजन की जरूरत महसूस होती है वो पाकिस्तान कश्मीर को क्या संभालेगा, ऐसा अफरीदी का कहना होगा। सच तो यह है कि अफरीदी ही क्यों, पाकिस्तान के हर समझदार आम नागरिक का यही विचार होगा।
हालांकि, सामना ने बाद में अफरीदी पर निशाना भी साधा। उसने लिखा है कि कश्मीर मुद्दे पर उसने (अफरीदी ने) अपने ही देश को यदि निशाना बनाया है तो इससे खुश होने की जरूरत नहीं क्योंकि अफरीदी भी हिंदुस्तान विरोधी है। हिंदुस्तान विरोध का जहर उसने इसके पहले कई बार उगला है। कुछ माह पूर्व जम्मू-कश्मीर में हिंदुस्तानी फौज ने 13 आतंकवादियों का खात्मा किया था। इसी अफरीदी ने उस वक्त आतंकवादियों के प्रति प्यार जताया था।