नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल पर वोटिंग के दौरान राज्यसभा में पार्टी के सांसदों की गैर मौजूदगी पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारी कुछ चिंताएं थी जिसको लेकर हमने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन सरकार की तरफ से कुछ सही जवाब नहीं मिला इसलिए हमने राज्यसभा में इस बिल का समर्थन नहीं करने का फैसला किया।
संजय राउत ने कहा, 'हमने कभी यह नहीं कहा कि इन शरणार्थियों को नागरिकता नहीं मिले, हम चाहते हैं कि पड़ोसी देश में जो हमारे भाई प्रताड़ना के शिकार हैं उन्हें यहां नागरिकता मिले। लेकिन इसके पीछे वोट बैंक की राजनीति नहीं होनी चाहिए। वोट बैंक की राजनीति के तहत ये सही नहीं है। अगर ऐसा है तो इनलोगों को 25 साल तक वोटिंग राइट नहीं मिलना चाहिए। इन लोगों को वोटिंग राइट देना ठीक नहीं है।'
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना के समर्थन के बाद कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी नाराज थी। कांग्रेस नेताओं ने उद्धव ठाकरे को कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी का संदेश दिया । उद्धव ठाकरे से कांग्रेस के नेताओं ने कहा - 'संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की भावना के विरूद्ध है बिल, विरोध में वोटिंग करें।'
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के बड़े नेता और उद्धव ठाकरे के बीच बातचीत हुई। कांग्रेस ने राज्यसभा में बिल के विरोध में शिवसेना से वोट डालने को कहा लेकिन शिवसेना बिल के विरोध में नहीं जाना चाहती थी इसलिए राज्यसभा में वोटिंग से शिवसेना ने बायकाट कर बीच का रास्ता निकाला।
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