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शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, टीकाकरण में साधु-संतों को प्राथमिकता दी जाए

शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शून्यकाल के दौरान कोविड-19 से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि टीकाकरण में साधु-संतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

Priyanka Chaturvedi, Priyanka Chaturvedi Shiv Sena, Priyanka Chaturvedi Vaccination Of Saints- India TV Hindi Image Source : PTI प्रियंका चतुर्वेदी ने शून्यकाल के दौरान कोविड-19 से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि टीकाकरण में साधु-संतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

नई दिल्ली: शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने शून्यकाल के दौरान कोविड-19 से जुड़ा मुद्दा उठाते हुए कहा कि टीकाकरण में साधु-संतों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रियंका ने साथ ही कहा कि कोरोना के टीके लगाने के लिए दूसरे चरण में गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को तो शामिल किया गया है लेकिन सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक दमा और मोटापा को गंभीर बीमारियों की श्रेणियों में नहीं रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘कोविड से होने वाली मौतों में दमा और मोटापा बड़े कारक बनकर उभरे हैं। सरकार इस पर विचार करे।’

‘साधु संतों को टीकाकरण में प्राथमिकता दें’
प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार से अनुरोध किया कि साधु संतों को टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि कई साधु-संतों के पास आधार कार्ड भी नहीं होता और वे देश के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण करते रहते हैं, ऐसे में उनका टीकाकरण आवश्यक हो जाता है।’ शिवसेना सांसद ने देश में सभी के लिए जल्द से जल्द टीकाकरण की शुरुआत करने की भी मांग उठाई। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में इस समय टीके के कुल 3,93,39,817 डोज लग चुके हैं जिनमें से 22,02,861 डोज गुरुवार को लगाई गई।

‘पूरी तरह सुरक्षित है कोविड-19 का टीका’
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस के टीकों को लेकर अनेक लोगों के मन में पैदा हो रहीं आशंकाओं को खारिज करते हुए शुक्रवार को कहा कि दुनियाभर में वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद टीकों को मंजूरी दी गयी है और हमें इन पर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि देश-दुनिया में बहुत सारे लोगों के मन में आशंका है कि कोरोना वायरस का टीका आने वाले समय में नुकसान तो नहीं पहुंचाएगा? उन्होंने कहा, ‘भारत में जिन 2 टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सिन को इस्तेमाल की मंजूरी दी गयी है, वे सुरक्षा, प्रभावशीलता और प्रतिरक्षा क्षमता पैदा करने के मानदंडों पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।’

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