सिद्धू के बयान पर पंजाब विधानसभा में बवाल, शिरोमणि अकाली दल ने की बर्खास्तगी की मांग
पुलवामा हमले पर कांग्रेस नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
चंडीगढ़: पुलवामा हमले पर कांग्रेस नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिद्धू के बयान पर सोमवार को पंजाब विधानसभा में जबर्दस्त बवाल हुआ है। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल ने पुलवामा हमले के बाद दिए बयानों के चलते पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को बर्खास्त करने की मांग की है। वहीं अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया और क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू के बीच इस मुद्दे पर कहासुनी भी हुई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बजट भाषण के बाद बीजेपी और अकाली दल के विधायकों ने सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी की जिसके बाद सिद्धू की अकाली नेताओं के साथ तीखी बहस हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकाली और बीजेपी विधायक सिद्धू के उस बयान का विरोध कर रहे थे जिसमें सिद्धू ने पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की थी। इसके पहले अकाली दल नेता विक्रम सिंह मजीठिया ने विधानसभा के बाहर सिद्धू के पोस्टर जलाए थे। पंजाब विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत से पहले मजीठिया के नेतृत्व में अकाली दल के नेताओं ने उन तस्वीरों को जलाया जिनमें सिद्धू पाकिस्तान सेना प्रमुख से गले मिलते नजर आ रहे थे।
सिद्धू गत वर्ष 18 अगस्त को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने पाकिस्तान गए थे। सदन के बाहर मजीठिया ने कहा, ‘किसी भी चीज से पहले हम कांग्रेस और पंजाब सरकार का स्पष्ट रुख जानना चाहते हैं। क्या वे पाकिस्तानी सेना के प्रमुख और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की निंदा करते हैं?’ मजीठिया ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले की निंदा के लिए सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करने के बाद भी सिद्धू कह रहे हैं ‘आप पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहरा सकते, आप किसी एक व्यक्ति को दोषी नहीं ठहरा सकते। हम चाहते हैं कि सिद्धू को उनके बयानों के लिए मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया जाए।’
प्रश्न काल शुरू होते ही शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने सिद्धू के खिलाफ नारेबाजी करना शुरू कर दिया। SAD-BJP विधायकों ने काले बैज लगाए थे। सिद्धू जब मामले पर बोल रहे थे तब SAD-BJP के विधायकों ने नारेबाजी कर उनके वक्तव्य को बाधित करने की कोशिश भी की। इस दौरान सिद्धू और मजीठिया के बीच कहासुनी भी हो गई और अध्यक्ष ने उन्हें प्रश्न काल बाधित ना करने को भी कहा।