मुंबई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने मंगलवार को मांग की कि राज्य सरकार को छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाप पुणे में हाल ही में आयोजित यलगार परिषद में उसकी कथित 'हिंदू विरोधी' टिप्पणी को लेकर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मांग की है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी ने 30 जनवरी 2021 को पुणे में आयोजित यलगार परिषद में हिंदू समाज के खिलाफ जो आपत्तिजनक वक्तव्य दिया, उससे समस्त हिंदू समाज की भावना आहत हुई है।
फडणवीस ने भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि शरजील उस्मानी के खिलाफ राज्य की सरकार को जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करते हुए राजद्रोह के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की। बता दें कि 30 जनवरी को पुणे में यलगार परिषद में उस्मानी ने कहा था, आज का हिंदू समाज हिंदुस्तान में बुरी तरीके से सड़ चुका है। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति गर्मा गई है और भाजपा इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रही है।
इस संबंध में पूछे जाने पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि सम्मेलन में भाषणों की महाराष्ट्र पुलिस द्वारा जांच की जाएगी। देशमुख ने मीडियाकर्मियों से कहा, "अगर कुछ भी आपत्तिजनक पाया जाता है, तो हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। हालांकि, मैं इस पर और अधिक टिप्पणी नहीं कर सकता, क्योंकि पुलिस जांच चल रही है।"
फडणवीस के अलावा, राम कदम, अतुल भातलकर और केशव उपाध्याय जैसे अन्य नेताओं ने भी सवाल किया है कि उस्मानी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि सार्वजनिक मंच पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को तीन दिन बीत चुके हैं।
वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए पूछा, "अगर किसी हिंदू नेता ने मुस्लिम समुदाय के बारे में इसी तरह का बयान दिया होता तो क्या इसे बर्दाश्त किया जाता?"
ठाकरे को लिखे अपने पत्र में फडणवीस ने कहा, "हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में कोई भी आए और यहां का माहौल खराब करके चला जाए, यह हमें मंजूर नहीं है। शरजील उस्मानी नामक दुर्भावना से युक्त युवा महाराष्ट्र में आकर हिंदू समाज को अपमानित करता है और उसके ऊपर अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा नहीं की जाती है, यह आश्चर्यजनक है।"
राज्य भाजपा ने उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए महा विकास अघाड़ी सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें अगर सरकार कार्रवाई में विफल रहती है तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी गई है। गौरतलब है कि उस्मानी को इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने 2019 में सीएए-एनआरसी आंदोलन के दौरान एएमयू परिसर के बाहर हुई झड़पों में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था।
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