जनता दल युनाईटेड के वरिष्ठ नेता सरद यादव ने बिहार में राजनीतिक उथलपथल पर पहली बार सार्वजनिक रुप से बोलते हुए कहा कि वह बीजेपी के साथ सरकार बनाने के फ़ैसले से सहमत नही है क्योंकि “इसके लिए जनादेश नहीं था।”
आपको बता दें कि रविवार को शरद यादव ने JDU के फ़ैसले पर नाख़िशी ज़ाहिर करते हुए मोदी सरकार पर सोशल मीडिया के ज़रिये कई हमले बोले थे। उन्होंने अपनी पार्टी को भी आड़े हाथों लिया जिसने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ सरकार बनाई है।
रविवार की सुबह अपने ताज़ा ट्वीट में नोटबंदी और भ्रष्टाचार का मामला उठाया। दिलचस्प बात ये है कि ये ट्वीट करने के कुछ घंटे पहले ही शरद यादव को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष और महागठबंधन के सहयोगी रहे लालू प्रसाद यादव ने बीजेपी के ख़िलाफ़ मोर्चा बनाने के संबंध में बुलाया था।
शरद यादव ने ये हमले शुक्रवार से शुरु किए थे जिनमें उन्होंने केंद्र सरकार की कई प्रमुख विकास योजनाओं की सफलता पर सवाल खड़े किए थे।
ग़ौरतलब है कि बुधवार को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफ़ा देकर सबको चौंका दिया था। नीतीश ने अगले ही बीजेपी के समर्थन से फिर मुख्यमंती पद की शपथ ले ली थी और इस तरह से राज्य में बीजेपी के ख़िलाफ़ बना महागठबंधन खत्म कर दिया था। इस फ़ैसले पर अपना विरोध दर्ज करते हुए शरद यादव शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए थे।
लालू के पुत्र तेजस्वी यादव के नीतीश सरकार में भविष्य को लेकर दोनो पार्टियों के नेताओं के बीच राजनीतिक रस्साकशी चल रही थी।
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