नई दिल्ली: मुंबई के होटल हयात में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी ने शक्ति प्रदर्शन कर 162 विधायकों की एकसाथ परेड कराई गई। इस मौके पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जब बोले हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है। पवार ने कहा कि हमारी संख्या और बढ़ेगी। उन्होनें कहा कि अजित पवार का फैसला पार्टी के विरोध में था।
शरद पवार ने कहा कि इन दिनों सत्ता के गलत इस्तमाल को देखा है। इस मौके पर शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के विधायकों को एकजुट रहने की शपथ दिलाई गई। शरद पवार ने कहा कि भाजपा के खिलाफ वोटिंग के लिए किसी भी विधायक की विधानसभा सदस्यता नहीं जाए यह सुनिश्चित करने के लिए निजी तौर पर जिम्मेदारी लूंगा।
इससे पहले तीनों दलों के नेताओं ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या बल होने का दावा करने के बाद इसकी घोषणा की थी। इसी से जुड़े घटनाक्रम में उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे शिवसेना-राकांपा कांग्रेस गठबंधन की याचिका पर आदेश पारित करेगा। गठबंधन ने 23 नवम्बर को देवेन्द्र फडणवीस को शपथ दिलाने के राज्यपाल के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति एन वी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ शक्ति परीक्षण पर आदेश पारित कर सकती है।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक फिलहाल मुंबई के अलग-अलग होटलों में ठहरे हुए हैं। राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने 23 नवम्बर को भाजपा से हाथ मिला लिया था। इसके बाद अजित पवार ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर दावा किया कि उनके पास राकांपा विधायकों का समर्थन है जिससे राज्य में 12 नवम्बर से लागू राष्ट्रपति शासन शनिवार की सुबह हटा लिया गया था। इसके बाद राज्यपाल ने भाजपा के देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।
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