नयी दिल्ली: कांग्रेस ने बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल को मंगलवार को उनकी इस जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए भक्त चरण दास को यह दायित्व सौंप दिया। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गोहिल की इच्छा को स्वीकार करते हुए उन्हें बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया और दास को यह दायित्व सौंपा। दास फिलहाल मिजोरम और मणिपुर के लिए भी पार्टी के प्रभारी हैं। वह बिहार के साथ पूर्वोत्तर के इन दोनों राज्यों की जिम्मेदारी देखते रहेंगे।
इससे पहले, गोहिल ने सोमवार को कहा था कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से उन्हें इस दायित्व से मुक्त करने और कोई हल्की जिम्मेदारी देने का आग्रह किया है। राज्यसभा सदस्य गोहिल ने ट्वीट किया था, ‘‘निजी कारणों से मैंने कांग्रेस आलाकमान से गुज़ारिश कि है की मुझे कोई लाइट (हल्की) जिम्मेवारी दी जाए और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए।’’ गोहिल ने ट्वीट में अपनी पार्टी, बिहार, गुजरात और दिल्ली इकाई तथा कुछ अन्य सहयोगियों को भी टैग किया।
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि पिछले नवंबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए गोहिल पूरी तरह ठीक नहीं हुए हैं और स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने कुछ जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाने का अनुरोध किया है। गोहिल के ट्वीट के बाद सत्तारूढ़ राजग ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया। विपक्षी महागठबंधन में शामिल दलों ने भी पूर्व में कांग्रेस पर निशाना साधा था।
पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद यह घटनाक्रम हुआ है। बिहार में अक्टूबर-नवंबर में हुए चुनाव में पार्टी 243 सदस्यीय विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी लेकिन उसे केवल 19 सीटों पर जीत मिली। महागठबंधन में शामिल राजद के शिवानंद तिवारी समेत कुछ नेताओं ने कांग्रेस के प्रदर्शन पर सवाल उठाए थे। भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य ने भी कहा था कि कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी गयी लेकिन वह जीत नहीं पायी।
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