बीजेपी सांसद स्वपन दासगुप्ता को SFI ने विश्वभारती यूनिवर्सिटी में 'बंधक' बनाया, देर रात कैंपस से निकले
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता को लेफ्ट विचारधार से जुड़े छात्रों ने ‘बंधक’ बना लिया था।
कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता को लेफ्ट विचारधार से जुड़े छात्रों ने ‘बंधक’ बना लिया था। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, स्वपन दासगुप्ता विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोग बुधवार को विश्वविद्यालय के एक भवन के भीतर बंद रहे, जिसके बाहर वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए थे। छात्रों ने राजनीतिक नेताओं पर समुदायों के बीच घृणा उत्पन्न करने का आरोप लगाया है। बीजेपी सांसद बाद में देर रात कैंपस से बाहर निकले।
दासगुप्ता ने ट्वीट कर दी जानकारी
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने हालात पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार से दासगुप्ता की सुरक्षा का प्रबंधन करने की मांग की। दासगुप्ता को विश्वविद्यालय में संशोधित नागरिकता कानू न (CAA) पर व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया गया था। दासगुप्ता ने ट्वीट किया, ‘विश्वविद्यालय द्वारा सीएए पर आयोजित मेरे आधिकारिक व्याख्यान में शिरकत करने के जुर्म में विश्व भारती, शांतिनिकेतन के एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोगों को बंद कर दिया गया है। इनमें कुलपति भी शामिल हैं। बाहर टकराव के लिए बेताब भीड़ है।’
कैलाश विजयवर्गीय ने साधा निशाना
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दासगुप्ता को कुछ हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे। कैलाश विजयवर्गीय ने वीडियो संदेश में कहा, ‘स्वपन दासगुप्ता का SFI और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने घेराव किया। वह अंदर हैं। पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही। स्वपन दासगुप्ता का जीवन और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है। मैं ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन से उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का आग्रह करता हूं। अन्यथा इसके परिणाम गंभीर होंगे।’
घटना को लेकर राज्यपाल भी बिफरे
वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती है। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने इस गंभीर स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की है। राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत ‘CAA 2019: समझ और व्याख्या’ पर बोलना था। स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) के कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन के बाद, समारोह को विश्वभारती के दूसरे लेकिन सन्निहित परिसर श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के एक अन्य सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया।
‘छात्र बाहर नारे लगा रहे थे’
विश्व भारती विश्वविद्यालय फैकल्टी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर सुदीप्ता भट्टाचार्य ने कहा, ‘दासगुप्ता छात्रों के विरोध के कारण व्याख्यान पूरा नहीं कर सके। वह वर्तमान में वीसी के साथ श्रीनिकेतन में सामाजिक कार्य विभाग के भीतर हैं।’ भट्टाचार्य ने कहा, ‘छात्र बाहर नारे लगा रहे थे। हम उन्हें अंदर मौजूद लोगों को छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।’ इससे पहले जैसे ही दासगुप्ता विश्वविद्यालय परिसर में दाखिल हुए, छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। कुछ देर बाद बीजेपी सांसद विश्वविद्यालय परिसर से बाहर चले गए।
SFI के छात्रनेता ने कहा, प्रदर्शन जारी रखेंगे
SFI की विश्वविद्यालय इकाई के नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र 'समुदायों के बीच नफरत को बढ़ाना देने वालों' को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए विश्व भारती की जमीन का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रवीन्द्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर स्थापित है। छात्रनेता ने कहा, ‘हम बीजेपी और हिंदुत्व शक्तियों के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे।’ इससे पहले बीजेपी नेता दासगुप्ता ने ट्वीट किया, ‘सीएए पर आयोजित शांतिपूर्ण बैठक पर भीड़ हमले और छात्रों को डराए जाने पर कैसा अनुभव होता है? ऐसा ही कुछ विश्व भारती में हो रहा है जहां मैं संबोधन दे रहा हूं। फिलहाल कमरे में बंद हूं और बाहर भीड़ जमा है।’