श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के अध्यक्ष यासीन मलिक के खिलाफ जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीएसए के तहत उन्हें दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। जेकेएलएफ से जुड़े सूत्रों ने गुरुवार को यह कहा।
एक सूत्र ने बताया, "मलिक साहब को आज बताया गया है कि उनके खिलाफ पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया है और उन्हें जम्मू जिले में स्थित कोट बलवल जेल में स्थानांतरित किया जाएगा।"
जेकेएलएफ प्रमुख को 22 फरवरी को एहतियातन हिरासत में लिया गया था और उन्हें श्रीनगर में कोठीबाग पुलिस स्टेशन में रखा गया था। इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुलवामा हमले के बाद सख्त कदम उठाते हुए घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों को दी गई सुरक्षा वापस ले ली थी।
इनमें एसएएस गिलानी, अगा सैयद मौसवी, मौलवी अब्बास अंसारी, यासीन मलिक, सलीम गिलानी, शाहिद उल इस्लाम, जफर अकबर भट, नईम अहमद खान, फारुख अहमद किचलू, मसरूर अब्बास अंसारी, अगा सैयद अब्दुल हुसैन, अब्दुल गनी शाह, मोहम्मद मुसादिक भट और मुख्तार अहमद वजा शामिल थे।
यासीन मलिक ने इस बाबत कहा था कि पिछले 30 साल से उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिली है। ऐसे में जब सुरक्षा मिली ही नहीं तो वे किस वापसी की बात कर रहे हैं। इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में सौ से ज्यादा गाड़ियां लगी थीं। इसके अलावा 1000 पुलिसकर्मी इन नेताओं की सुरक्षा में लगे थे।
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