ग्वालियर: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और सांसद नकुल नाथ के लापता होने के पोस्टर के बाद अब ग्वालियर में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शमिल होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पोस्टर लगे है। सिंधिया को खोजने वाले को 5100 रुपये के इनाम का ऐलान किया गया है। ग्वालियर के सिंधिया पैलेस के बाहर रविवार की सुबह कुछ लोगों ने सिंधिया के लापता होने के पोस्टर लगाए।
इन पोस्टर में लिखा है, 'तलाश, गुमशुदा जनसेवक की।' इसमें सिंधिया की तस्वीर लगी और लिखा है, 'कांग्रेस में रहकर जो जनसेवा नहीं कर पा रहे थे,जो कोरोना महामारी के समय मजदूरों की आवाज नहीं उठा सके, जिन्हें रोड पर उतरने का शौक था, वे आज गुमशुदा हैं।' इस पोस्टर में सिंधिया की तलाश करने वाले केा 5100 रूपये के नगद इनाम का ऐलान किया गया है। इस पोस्टर को लगाने वाले का नाम सिद्धार्थ सिंह राजावत लिखा हुआ है।
पोस्टर लगाने वाले सिद्धार्थ सिंह राजावत प्रदेश किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष है। उन्होंने आईएएनएस से चर्चा के दौरान स्वीकार किया कि पोस्टर उन्होंने ही लगाए है। उनका कहना है कि, राज्य में 15 साल तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जब कांग्रेस की सरकार आई तो कार्यकर्ताओं को बड़ी उम्मीद थी, मगर सिंधिया ने भाजपा में शामिल होकर सरकार को गिरा दिया।
उन्होंने आगे कहा, "सिंधिया अपने को जनसेवक बताते है और उन्होंने कमल नाथ सरकार के समय अतिथि शिक्षकों के मामले में सड़क पर उतरने की बात की थी, सिंधिया जब से भाजपा में गए तब से नदारद है। आज प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घरों को लौट रहे है, उनके पैरों में छाले पड़ गए हैं। इन मजदूरों को चप्पल नहीं पहना सकते तो आशियाना दे सकते थे। हम तो जनसेवक का ढूंढ रहे हैं।"
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