नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की 6 महीने की एहतियातन हिरासत पूरी होने से महज कुछ घंटे पहले 6 फरवरी को उनके खिलाफ PSA के तहत मामला दर्ज किया गया। इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और पूर्व मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीडीपी के वरिष्ठ नेता सरताज मदनी पर भी पीएसए लगाया गया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने की थी कार्रवाई की निंदा
उमर अब्दुल्ला एवं अन्य पर पीएसए के तहत कार्रवाई की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा था कि यह कदम केंद्र की मनमानी का स्पष्ट उदाहरण है। पार्टी के नेता मुहम्मद अकबर लोन, हसनैन मसूदी और इमरान नबी डार ने बीते शुक्रवार को साझा बयान में कहा था, ‘सरकार का यह कदम जम्मू और कश्मीर में सामान्य स्थिति के बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के दावे की असलियत सामने लाता है।’ उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं और अन्य लोगों पर पीएसए लगाना केंद्र की मनमानी का स्पष्ट उदाहरण है।
पीएम मोदी की टिप्पणी पर साधा निशाना
उन्होंने PM नरेंद्र मोदी की उमर अब्दुल्ला को लेकर की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने बयान में कहा, ‘यह वास्तव में चिंताजनक है कि प्रधानमंत्री संसद में व्यंग्यात्मक वेबसाइट का हवाला देकर नेता पर बयानबाजी कर रहे हैं।’ उमर के खिलाफ आरोपों को निराधर बताते हुए पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘एक तरफ गृह मंत्री कहते हैं कि उन्होंने जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों को राष्ट्र विरोधी कभी नहीं कहा और दूसरी तरफ हमारे प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि वे आतंकवाद को शह दे रहे थे। किसका विश्वास किया जाए?’
Latest India News