नई दिल्ली: एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की गुगली से महाराष्ट्र में सरकार का पेंच फंस गया है। कल शरद पवार ने दिल्ली में 10 जनपथ जाकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की लेकिन मुलाकात के बाद ये कह दिया कि हमने सूबे के राजनीतिक हालात पर चर्चा की, सरकार गठन पर तो कोई बात ही नहीं हुई। ये सुनकर शिवसेना की हालत खराब हो गई है। शिवसेना को अब समझ में नहीं आ रहा कि करे तो क्या करे।
संजय राउत ने आज कहा कि महाराष्ट्र में जल्द ही शिवसेना के नेतृत्व में सरकार बनेगी। उन्होंने पवार के बयान पर कहा कि उनको समझने में कई जन्म लगेंगे। पवार के मन में आखिर चल क्या रहा है, शिवसेना अब तक समझने में नाकाम है।
संजय राउत ने तो यहां तक दावा कर दिया था कि कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना का कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार हो चुका है। तीनों पार्टियों के नेता उस पर दस्तखत भी कर चुके हैं लेकिन शरद पवार ने दो टूक कह दिया है कि अभी ऐसा कोई प्रोग्राम बना ही नहीं है।
संजय राउत बार-बार दावा कर रहे हैं कि दिसंबर के पहले हफ्ते तक महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो जाएगा लेकिन पवार ने ऐसा पेंच फंसाया है कि पिक्चर क्लियर ही नहीं हो पा रही है। शरद पवार के बयानों ने शिवसेना के होश उड़ा दिए हैं।
पवार के प्रेस कॉंफ्रेस को टीवी पर देख रहे संजय राउत फौरन उनसे मिलने पहुंच गये। पवार ने मुलाकात के लिए केवल बीस मिनट दिए। बाहर आकर राउत की हालत बता रही थी कि सब ठीक नहीं है इसीलिए राउत ने सुबह तक सरकार को लेकर की जाने वाली शायरी का मौजू बदलकर किसानों पर कर दिया।
शरद पवार सियासत के चतुर खिलाड़ी हैं इसलिए हर कदम फूंक फूंक कर रख रहे हैं। सोनिया गांधी भी फैसला नहीं ले पा रही हैं इसीलिए कई दौर की बैठक के बाद भी मामला लटका हुआ है। सबसे बड़ी मुश्किल तो शिवसेना के सामने खड़ी हो गई है जिसके पास पीछे लौटने की संभावनाए कम होती जा रही हैं।
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