संदीप दीक्षित ने प्रणब मुखर्जी के RSS का निमंत्रण स्वीकार किए जाने पर उठाए सवाल
आरएसएस ने मुखर्जी को 7 जून को होने वाले अपने 'संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष समापन समारोह' के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। मुखर्जी ने इस न्योते को स्वीकार कर लिया है...
नई दिल्ली: कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बतौर मुख्य अतिथि शामिल का निमंत्रण स्वीकार करने पर भले ही कुछ कहने से इंकार कर दिया हो, लेकिन पार्टी के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इस पर सवाल खड़े किए हैं। दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रणब दादा के संघ के बारे में लगभग वही विचार रहे हैं जो कांग्रेस के रहे हैं कि आरएसएस एक फासीवादी संगठन है। आरएसएस की मूल विचाराधारा ही कांग्रेस के खिलाफ है। मुझे यह अटपटा लग रहा है कि आखिर वह उनके कार्यक्रम में क्यों शामिल होने जा रहे हैं?’’ यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इंकार किया है तो पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत तौर पर लगता है कि पार्टी को बुरा जरूर लगा होगा। वैसे, आगे पार्टी की आधिकारिक टिप्पणी का इंतजार करिए।’’
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वड़क्कन ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''फिलहाल इस मामले पर हम कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। इस कार्यक्रम को होने दीजिए। उसके बाद हम कुछ कह सकेंगे।'' दीक्षित ने कहा, ‘‘सवाल यह है कि क्या आरएसएस प्रणब दादा से यह सुनना चाहती है कि वह कितनी घटिया संस्था है या आरएसएस ने खुद के बारे विचार बदल लिए हैं और अब वह एक अच्छा संगठन बनना चाहती है। देखते हैं कि वह वहां क्या बोलते हैं?’’
यह पूछे जाने पर कि जब मुखर्जी पार्टी के सदस्य नहीं रहे तो फिर वह मुखर्जी के इस कार्यक्रम में जाने पर सवाल खड़े कर रहे हैं तो दीक्षित ने कहा, ‘‘मैं किसी व्यक्ति के लिए सिर्फ इसलिए नहीं बोलता कि वह पार्टी के सदस्य हैं। हम भी इस देश के नागरिक हैं, इस समाज के हैं। हम प्रणब दादा को हमेशा धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी ताकतों के साथ खड़े देखते थे। ऐसे में मुझे लगता है कि हमें इस बारे में बात करनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि मुखर्जी की यात्रा का आरएसएस राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश करे। दीक्षित ने कहा, ‘‘आरएसएस ने पंडित नेहरू के बारे में सैकड़ों झूठ फैलाएं हैं और प्रणब दादा अपने को हमेशा नेहरूवादी कहते रहे। अगर किसी ने पूछ लिया कि क्या आप इन चीजों पर इत्तेफाक रखते हैं तो क्या दादा यह कहेंगे कि तुम जैसे झूठे लोगों ने ये झूठ फैलाए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सच बोलूं तो मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वह क्यों जा रहे हैं। या तो वह आरएसएस को आइना दिखाएंगे तो तब तो अच्छी बात है।’’
गौरतलब है कि आरएसएस ने मुखर्जी को 7 जून को होने वाले अपने 'संघ शिक्षा वर्ग-तृतीय वर्ष समापन समारोह' के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था। मुखर्जी ने इस न्योते को स्वीकार कर लिया है।