नई दिल्ली. राजस्थान में सियासी घमासान जारी है। अशोक गहलोत गुट द्वारा लगातार सचिन पायलट पर आरोप लगाए जा रहे हैं। इस बीच सचिन पायलट ने अशोक गहलोत गुट पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मैं दुखी हूं, लेकिन मेरे खिलाफ लगाए जा रहे इस तरह के आधारहीन, घिनौने आरोपों पर आश्चर्यचकित नहीं हूं।
सचिन पायलट ने ये बात कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के आरोपों के जवाब में कही। मलिंगा ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने उनसे पार्टी छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में चर्चा की थी। मलिंगा ने दावा किया था कि उन्हें पैसों की पेशकश की गयी थी।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मुझे बदनाम करने और राजस्थान के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कांग्रेस के सदस्य और विधायक के रूप में उठाई गई वैध चिंताओं को दूर करने के लिए किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य मुझे बदनाम करना और मेरी विश्वसनीयता पर हमला करना है। मुख्य मुद्दे पर बात करने के बजाय ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं आरोप लगाने वाले विधायक के खिलाफ उचित, सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करूंगा। मुझे यकीन है कि मेरी छवि पर खराब करने के लिए मुझ पर इस तरह के और भी संगीन आरोप लगाए जाएंगे लेकिन मैं विश्वासों पर कायम रहूंगा।
जिसे मान-सम्मान दिया, वही कांग्रेस की पीठ में छुरा भोंकने को तैयार हो गया: गहलोत
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बागी नेता सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के रूप में इतना मान-सम्मान मिला वही पार्टी की पीठ में छुरा भोंकने का तैयार हो गया। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में शायद ही ऐसा कोई और उदाहरण देखने को मिले कि पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष ने अपनी ही सरकार को गिराने के षडयंत्र किया।
गहलोत ने संवाददाताओं से कहा कि 'निकम्मा एवं नकारा' होने के बावजूद पायलट सात साल तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे लेकिन पार्टी के हित को ध्यान में रखते हुए किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुस्तान में राजस्थान एकमात्र ऐसा राज्य है जहां सात साल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की कभी मांग नहीं हुई। हम जानते थे कि 'निक्कमा' है, 'नकारा' है, कुछ काम नहीं कर रहा है। खाली लोगों को लड़वा रहा है।’’
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