नई दिल्ली: सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहे विवाद पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा है कि केरल सरकार इस मामले में पूरी तरह विफल रही है। यह दिनदहाड़े हिंदुओं का रेप है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो भी निर्देश दिया है वह उससे सहमत हैं लेकिन क़ानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है और उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें इसका कैसे सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘’वामपंथियों के पूर्वाग्रहों के बजाय केरल के सीएम का पूर्वाग्रह लोगों में भ्रम पैदा कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर निर्देश दिया। राज्य सरकार का काम है कि बिना जनभावनाओं को ठेस पहुंचाए व्यवस्था को किस तरह संभाला जाए। हालांकि, केरल सरकार इसमें बुरी तरह से विफल साबित हुई है।‘’
गौरतलब है कि काले परिधान पहने और चेहरों को ढकी महिलाओं ने तड़के तीन बजकर 38 मिनट पर मंदिर में प्रवेश किया। इससे एक ही दिन पहले केरल में राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 35 लाख महिलाएं लैंगिक समानता बरकरार रखने की सरकारी पहल के तहत कासरगोड के उत्तरी छोर से तिरूवनंतपुरम के दक्षिणी छोर तक 620 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हुईं थीं।
महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की खबर आग की तरह फैल गई और कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों को बाधित किया जिसके कारण दुकानें एवं बाजार बंद करने पड़े। पुलिस ने कहा कि कई स्थानों पर सत्तारूढ माकपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जिससे तनाव पैदा हो गया। पथनमतित्ता जिले के कोन्नी और कोझेनचेरी में सरकारी केएसआरटीसी बसों को नुकसान पहुंचाया गया। मंदिर इसी जिले में स्थित है। पूरे राज्य में मंदिरों से जुड़े देवस्वोम बोर्ड के कार्यालयों को बंद कर दिया गया।
हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गये। अधिकारियों ने कहा कि सचिवालय के सामने भाजपा कार्यकर्ताओं ने मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने की तस्वीरें दिखने के कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने घोषणा की कि महिलाओं ने मंदिर में वास्तव में पूजा अर्चना की। विजयन की एलडीएफ सरकार न्यायालय के फैसले को लागू करने के अपने निश्चय के कारण भगवान अयप्पा के कट्टर श्रद्धालुओं के विरोध का सामना कर रही है।
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