मुम्बई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर शिवसेना ने आरोप लगाया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गलवान घाटी संघर्ष में भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाई गई वीरता का इस्तेमाल कर रहे हैं। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार के प्रमुख दल ने कहा कि 15 जून को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में शामिल एक विशेष सैन्य रेजिमेंट का उल्लेख कर मोदी जातीय और क्षेत्रीय कार्ड खेल रहे हैं।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने अपने सम्पादकीय में गलवान घाटी संघर्ष में बिहार रेजिमेंट की वीरता पर मोदी के बयान का जिक्र करते हुए यह बात कही। मराठी दैनिक ने पूछा, ‘‘देश जब सीमा पर संकट का सामना कर रहा था तो क्या महार, मराठा, राजपूत, सिख, गोरखा, डोगरा रेजीमेंट सीमाओं पर बेकार बैठकर तम्बाकू चबा रहे थे?’’
उसने कहा, ‘‘कल पुलवामा में आतंवकादियों के साथ मुठभेड़ में महाराष्ट्र का सीआरपीएफ जवान सुनील काले शहीद हो गया। आगामी चुनाव को देखते हुए भारतीय सेना में जाति और क्षेत्र को महत्ता दी गई।’’ सम्पादकीय में भाजपा के पूर्व सहयोगी ने इस तरह की राजनीति का विरोध किया।
सम्पादकीय में कहा गया, ‘‘इस तरह की राजनीति एक बीमारी है, जो कि कोरोना वायरस से अधिक घातक है।’’ बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाला है। वहां सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा शामिल है।
संपादकीय लिखने के बाद मीडिया से सवाल करने पर राउत ने फिर पीएम की आलोचना की। पीएम की ओर से बिहार रेजीमेंट की तारीफ किए जाने पर कटाक्ष करते हुए संजय राउत ने कहा कि सेना की कोई भी रेजीमेंट बस रेजीमेंट होती है। हर रेजीमेंट की अपनी परंपरा और गाथा है। सभी रेजीमेंट देश की होती है। किसी प्राांत, राज्य या किसी धर्म की नहीं होती है।
Latest India News