नई दिल्ली: RSS ने कहा कि वह अपनी पारंपरिक ड्रेस में बदलाव कर निकर के बदले ट्राउजर अपनाने पर सक्रियता से विचार कर रहा है।
RSS की दिल्ली इकाई के संयुक्त प्रमुख आलोक कुमार ने कहा कि रांची में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हुयी बैठक में ड्रेसकोड बदलने पर विचार किया गया था।
उन्होंने कहा, विचार विमर्श किया गया है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है कि निकर (हाफ पैंट) के स्थान पर फुल पैंट अपनाया जाए।
कुमार ने उम्मीद जतायी कि फैसले लेने वाली सर्वोच्च निकाय प्रतिनिधि सभा की मार्च में होने वाली बैठक में इस पर फैसला किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि RSS समय समय पर ड्रेसकोड में बदलाव लाता रहा है। उन्होंने कहा, जब मैं 1962 में RSS से जुड़ा, उस समय लांगबूट, चमड़े के बेल्ट थे, जिन्हें बाद में हटा लिया गया। जब संघ की स्थापना हुयी थी, तो खाकी ड्रेस कोड था। हम इसे समय समय पर बदलते रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि इस पर कोई विवाद है, उन्होंने कहा कि कोई विवाद नहीं है। कई सुझाव हैं और कुछ का कहना है कि निकर को बरकरार रखा जाना चाहिए। वहीं, अन्य का मानना है कि कोई भारतीय ड्रेस अपनानी चाहिए।
यह पूछे जाने पर कि क्या ड्रेसकोड में बदलाव का मकसद युवाओं को आकर्षित करना है, उन्होंने कहा, यह युवाओं को संघ की ओर आकर्षित करने का मुद्दा नहीं है।
Latest India News