नयी दिल्ली: कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने गुरुवार को धन शोधन मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश देने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर आवेदन वापस ले लिया। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा की एक पीठ ने वाड्रा द्वारा आवेदन वापस लिये जाने पर इसे रद्द कर दिया। वाड्रा का कहना था कि उन्हें निचली अदालत से अग्रिम जमानत मिल गयी है।
यह आवेदन पहले से लंबित याचिका में दायर किया गया था, जिसमें वाड्रा ने इस आधार पर मामला निरस्त करने का अनुरोध किया था कि इसमें कई जांच करके जांच की वैधानिक शक्ति का दुरुपयोग किया गया है और ऐसी स्थिति में पहली प्राथमिकी से जुड़े उसी लेनदेन से संबंधित दूसरी या उसके बाद दर्ज कोई भी प्राथमिकी निरस्त करने योग्य है।
प्रवर्तन निदेशालय का प्रतिनिधत्व कर रहे केन्द्र के वकील अमित महाजन ने अदालत से कहा कि उन्होंने वाड्रा की याचिका की विचारणीयता के मुद्दे पर उन्होंने अपने जवाब दाखिल किये थे। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय के जवाब का प्रत्युत्तर देने के लिए वाड्रा को समय देते हुये इस मामले की सुनवाई 21 अगस्त के लिये सूचीबद्ध कर दी।
वाड्रा के अलावा उनके करीबी सहयोगी मनोज अरोड़ा ने भी धन शोधन मामले को खारिज करने की मांग की है। वाड्रा पर लंदन के ‘12 ब्रायनस्टन स्क्वायर’ में 19 लाख पाउंड की सम्पति खरीदने के मामले में धन शोधन का आरोप है। मामले की जांच धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत की जा रही है।
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