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Hindi News भारत राजनीति हमारी सरकार की बनाई सड़कों पर तीन पीढ़ियों तक गड्ढा नहीं पड़ेगा: नितिन गडकरी

हमारी सरकार की बनाई सड़कों पर तीन पीढ़ियों तक गड्ढा नहीं पड़ेगा: नितिन गडकरी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह और उनकी सरकार देश के युवाओं, किसानों और मजदूरों के बेहतर भविष्य के लिए दृढ़संकल्प है...

Nitin Gadkari and Rajat Sharma at India TV Samvaad | India TV- India TV Hindi Nitin Gadkari and Rajat Sharma at India TV Samvaad | India TV

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह और उनकी सरकार देश के युवाओं, किसानों और मजदूरों के बेहतर भविष्य के लिए दृढ़संकल्प है। इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम ‘संवाद बजट 2018’ में गडकरी ने रजत शर्मा के साथ तमाम मुद्दों पर बात की। देश के नौजवानों को रोजगार के सवाल पर गडकरी ने कहा, 'गांव, गरीब, मजदूर, किसान और युवाओं की आर्थिक हालत को बेहतर बनाना सरकार का कर्तव्य है। इंडस्ट्री आने के बाद ही रोजगार बढ़ेगा और हम इसके लिए तमाम उपाय कर रहे हैं। हालांकि समस्याएं ज्यादा और बेरोजगारी की समस्या भी तेज गति से बढ़ रही है। हमें आगे और भी ज्यादा मेहनत से काम करना है और आगे चलकर इस समस्या का काफी हद तक समाधान करेंगे।' नमामि गंगे परियोजना पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि मार्च 2019 तक 80 प्रतिशत गंगा को साफ कर लिया जाएगा, और मई के अंत तक निर्मल गंगा का सपना पूरा हो जाएगा। साथ ही अपनी सरकार द्वारा बनाई गई सड़कों की जिम्मेदारी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन पीढ़ियों तक मेरी सरकार द्वारा बनाई गई सड़कों में गढ्ढा नहीं पड़ेगा।

'बजट से किसानों को होगा फायदा'
यह पूछे जाने पर कि क्या इस बजट से किसानों को फायदा होगा, गडकरी ने कहा, 'मुझे याद है कि महाराष्ट्र में जब मैं कार्य करता था, तो शरद जोशी के विचारों से काफी प्रभावित हुआ था। वे एक बात कहते थे कि भारत दो विभागों में बंटा हुआ है, एक इंडिया और दूसरा भारत। वह कहते थे कि गांव, गरीब मजदूर और किसान भारत में रहते हैं और जहां इंडस्ट्री, ट्रेड और बिजनस है वह इंडिया में है। मैं 15 सालों से किसानों के लिए काम कर रहा हूं और मैं उस क्षेत्र से आता हूं जहां 10 हजार से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है। मंत्री बनने के बाद भी मुझे लगता था कि गांवों की आवाज दिल्ली तक नहीं पहुंचती है। अब मैं यह कह सकता हूं कि स्वाधीनता के बाद मोदी जी के नेतृत्व में अरुण जेटली जी का यह पहला ऐसा बजट है, जिसे ऐग्रीकल्चरल बजट कहा जा सकता है।'

राहुल गांधी के ट्वीट पर यह बोले गडकरी
जब उनसे कहा गया कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि किसानों से अच्छे दाम करने का वादा तो 4 साल पहले किया गया था, अब एक साल बचे रहने पर क्या करेंगे, केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'कुछ लोग तो ऐसे हैं जो बजट आने से पहले ही अपनी प्रतिक्रिया लिख लेते हैं। जो हमारे कारण बेरोजगार हुए हैं और फ्रस्टेट हैं, वे क्या हमारी तारीफ करेंगे?' यह पूछे जाने पर कि क्या किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने के लिए कोई योजना है, गडकरी ने कहा कि भारत में किसानों के फसल का भाव तय नहीं होता, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय मार्केट से काफी प्रभावित होता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ब्राजील चीनी का भाव और अर्जेंटीना तेल का भाव तय करता है, और इस तरह की ग्लोबल इकनॉमी में किसानों के फिक्स प्राइस देना बहुत कठिन है। गडकरी ने कहा, 'सरकार विभिन्न तरीकों से कीमतों को संतुलित करती है। पहली बार कोई दमदार प्रधानमंत्री सामने आकर डंके की चोट पर कह रहा है कि हम किसानों को लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देंगे। हमारी सरकार निश्चित तौर पर किसानों को प्रोटेक्ट करेगी।'

बायो इथेनॉल पर दिया जोर
यह कहने पर कि किसान बोलते हैं कि सरकार लागत कम करके डेढ़ गुना समर्थन मूल्य देगी, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फर्टिलाइजर और बिजली के रेट कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि जो भी खर्चा निकलेगा उसे साइंटिफिक तौर पर निकाला जाएगा और उसके हिसाब से समर्थन मूल्य तय किया जाएगा। गडकरी ने कहा, 'मैंने नीतीश जी को पराली से निर्मित किए गए इथेनॉल से चलने वाले वाहन दिखाए, वह पराली जो पंजाब, हरियाणा और यूपी में जला दी जाती है। एक टन पराली से 280 लीटर इथेनॉल तैयार होता है।' उन्होंने कहा कि हम ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं कि यह ईंधन बनाने वाली इंडस्ट्री आएगी और 40 से 50 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और प्रदूषण को भी कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से पेट्रोलियम पदार्थों पर हो रहा खर्चा भी कम होगा। गडकरी ने कहा कि यदि हम इसके चलते 2 लाख करोड़ भी बचा सकें तो यह एक चीज ही भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हमारे किसानों की आर्थिक स्थिति में भी काफी सुधार आएगा।

बांस पर इसलिए है सरकार का फोकस
बांस के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मेरी बात नोट करके रख लें, हम पूरे नॉर्थ-ईस्ट में ऑइल रिफाइनरी डाल रहे हैं, क्योंकि इस इलाके में बांस की भरमार है और इससे हम बायो इथेनॉल बना सकते हैं। देश में अगरबत्ती की सींक, लकड़ी और ऐसी ही तमाम चीजों को इम्पोर्ट करना पड़ता है, नॉर्थ-ईस्ट में जो बांस पड़ा है उससे अगर बायो इथेनॉल बनेगा और वाहनों में यह ईंधन बड़ेगा तो किसानों की तकदीर के साथ-साथ देशी की इकोनॉमी भी बदल जाएगी।' प्याज और अन्य फसलों के स्टोरेज को लेकर पुराने बयान याद दिलाने पर गडकरी ने कहा, 'हमारे प्रोसेसिंग मंत्री ने इस बारे में एक बड़ी कॉन्फ्रेंस की थी और इस बारे में योजना भी बनी है। लेकिन इसको पूरी तरह धरातल पर आने में कुछ वक्त तो लगेगा।' प्याज, आलू और टमाटर का संबंध डिमांड और सप्लाई से है न कि इकोनॉमी से। पहली बार देश के इतिहास में हमारे वित्त मंत्री ने 500 करोड़ रुपये आलू, प्याज और टमाटर के लिए टोकन में रखे हैं। इस योजना के जरिए इन चीजों को स्टोर किया जाएगा और डिमांड और सप्लाई पर कंट्रोल किया जाएगा।

विपक्ष द्वारा बजट पर सवाल उठाने पर गडकरी की चुटकी
विपक्ष द्वारा बजट पर सवाल उठाने पर गडकरी ने कहा कि ऐसा सभी करते हैं। मैं भी जब महाराष्ट्र में विपक्ष में था तो बजट आने पर सबसे पहले यही देखता था कि कैसे इसकी धज्जियां उड़ा सकता हूं। यह विपक्ष की कुर्सी का ही दोष है, तो विपक्ष में जो भी बैठता है वह ऐसे ही बोलता है। उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए गडकरी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सत्ता पक्ष की कुर्सी पर बैठकर भी विपक्ष का रोल अदा करते हैं। सत्ता में रहकर सत्ता का रोल और विपक्ष में रहकर विपक्ष का रोल अदा करना चाहिए। आपको विलेन का रोल मिला है तो गाना गाने का काम नहीं करना चाहिए और हीरो का रोल मिलने पर फाइटिंग नहीं करना चाहिए। इसी दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश में जितना भी संतरा होता है उसकी प्रोसेसिंग के लिए हम बिना सरकारी मदद के लिए यूनिट शुरू करने जा रहे हैं। गडकरी ने भी रामदेव की बातो से सहमति जताते हुए उनके प्रयासों की तारीफ की।

‘इंडिया’ के बजट पर यह बोले गडकरी
यह कहे जाने पर कि शहरों में रहने वाला 'इंडिया' बजट से नाराज है और कह रहा है कि किसानों को सौगात और मिडिल क्लास को औकात, गडकरी ने कहा, 'यह बिल्कुल गलत है। दिल्ली का 50 प्रतिशत पल्यूशन और 50 प्रतिशत ट्रैफिक 2 महीने में खत्म होने जा रहा है। ऐसा केंद्र सरकार की कई सड़क योजनाओं के चलते हुआ है। दिल्ली में हम 40 हजार करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट कर रहे हैं, और यह अंतत: शहर के लोगों को ही फायदा पहुंचाएगा।' पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर गडकरी ने कहा कि इथेनॉल इसका विकल्प है और यदि इसे सार्वजनिक वाहन प्रणाली में इस्तेमाल किया जाए तो आधे दाम में सफर तय किया जा सकेगा, जिसका लाभ अंतत: जनता को ही मिलेगा। इनकम टैक्स का स्लैब न बढ़ने पर गडकरी ने कहा कि एक कल्याणकारी सरकार की यही कोशिश होती है कि जो दे सकता है उससे थोड़ा लेकर जो अभावों में जी रहा है उस तक मदद पहुंचाई जाए। अपनी इस दलील के समर्थन में उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की राहत के लिए भी सरकार तमाम उपाय कर रही है। हम सिर्फ ब्रेकिंग पॉइंट तक जाकर टैक्स लगाते हैं और कोशिश करते हैं कि इससे किसी भी शख्स को तकलीफ न पहुंचे।

यह कहे जाने पर कि शहरों में रहने वाला 'इंडिया' बजट से नाराज है और कह रहा है कि किसानों को सौगात और मिडिल क्लास को औकात, गडकरी ने कहा, 'यह बिल्कुल गलत है। दिल्ली का 50 प्रतिशत पल्यूशन और 50 प्रतिशत ट्रैफिक 2 महीने में खत्म होने जा रहा है। ऐसा केंद्र सरकार की कई सड़क योजनाओं के चलते हुआ है। दिल्ली में हम 40 हजार करोड़ रुपये का प्रॉजेक्ट कर रहे हैं, और यह अंतत: शहर के लोगों को ही फायदा पहुंचाएगा।' पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर गडकरी ने कहा कि इथेनॉल इसका विकल्प है और यदि इसे सार्वजनिक वाहन प्रणाली में इस्तेमाल किया जाए तो आधे दाम में सफर तय किया जा सकेगा, जिसका लाभ अंतत: जनता को ही मिलेगा। इनकम टैक्स का स्लैब न बढ़ने पर गडकरी ने कहा कि एक कल्याणकारी सरकार की यही कोशिश होती है कि जो दे सकता है उससे थोड़ा लेकर जो अभावों में जी रहा है उस तक मदद पहुंचाई जाए। अपनी इस दलील के समर्थन में उन्होंने गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही तमाम योजनाओं का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की राहत के लिए भी सरकार तमाम उपाय कर रही है। हम सिर्फ ब्रेकिंग पॉइंट तक जाकर टैक्स लगाते हैं और कोशिश करते हैं कि इससे किसी भी शख्स को तकलीफ न पहुंचे।

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